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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से सफेद भालू देखने को मिला है। मां बच्चों को छोड़कर कहीं चली गई थी तो ग्रामीणों ने सहज उत्सुकता और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाकर गांव ले आए।

कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में भालू के दो सावक मिले हैं। इनमें से एक शावक सफ़ेद रंग का है। सफेद शावक मिलने से क्षेत्रवासी हैरान हैं। ग्रामीणों को ये दोनों जंगल में मिले, बहुत छोटे होने के कारण ग्रामीणों ने उनको गोद में उठाकर गांव लेकर आए हैं। सफेद भालू को देखने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हो गया है। वहीं इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई तब वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी गांव में पहुंचे और शावकों को अपने कब्जे में ले लिया है। उल्लेखनीय है कि छततीसगढ़ में पहले भी यदाकदा सफेद भालू देखे गए हैं।

बताया जा रहा है कि, ग्रामीण बहालपुर जंगल कि तरफ घूमने गए थे तो अचानक भालू के दोनों शावकों को देखा गया। जब पास में जा कर देखा तो ग्रामीण हैरान रह गए, सफेद और काले रंग के दो शावक वहां मौजूद थे, लेकिन उनकी मां वहां नहीं थी। तब ग्रामीणों ने शावकों को गांव लेकर आने की सोची। वेटनरी डाक्टर से भालू के शावकों की मेडिकल जांच कराई गई, जिसमे दोनों स्वस्थ्य बताये गए हैं। डिप्टी रेंजर एसडी सिंह ने बताया कि, फिलहाल दोनों शावकों को रायपुर भेज दिया गया है।

जन्म देकर कहां गई मां

डिप्टी रेंजर एसडी सिंह ने बताया कि, बच्चों को जन्म देने के बाद मादा भालू कहीं चली गई है। दोनों को विशेष निगरानी में रखा गया है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में मादा भालू से मिलाने का प्रयास जारी है। 

खंडहरनुमा मकान में जन्मे भालू के बच्चे 

इसी तरह की एक घटना सूरजपुर जिले में भी सामने आई है। यहां जंगल से लगे एक खाली कच्चे मकान में भालू ने बच्चों को जन्म दिया है। एक महिला जहाँ पर रहती थी उसी घर के पास एक खंडहर है। खंडहर के भीतर से आवाज आने पर उसने गांव वालों को जानकारी दी। गांव वालों ने सतर्कता के साथ छप्पर पर चढ़कर जब खपरा हटाना शुरू किया, ग्रामीणों की भीड़ देखकर मादा जंगल की ओर चली गई। फिलहाल भालू के बच्चे वन विभाग की निगरानी में हैं। लगभग 10 दिन के यह बच्चे बिल्कुल स्वस्थ दिखाई दे रहे हैं और वन विभाग इनपर निगरानी बनाए हुए है।

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ग्रामीणों ने दी थी वन विभाग को जानकारी

जब कमरे के भीतर जा कर तलाशी ली गयी तो भालू के दो बच्चे मिले है। गांव वालों ने बताया कि उस कच्चे मकान में भालू का आना-जाना लगा हुआ रहता था। फिलहाल गांव वाले भालू के दोनों बच्चों पर नजर रखे हुए है। यह क्षेत्र भालुओं के विचरण का है। पहले भी ऐसा हो चुका है। वन विभाग को सूचना दे दी गई है।

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