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आबकारी विभाग की टीम को घेरने वाले ये साफ कहते सुने जा सकते हैं कि, एक ने 10 हजार दिए तो यह जायज...बाकी सभी नाजायज...वीडियो हुआ वायरल

संतोष कश्यप- अम्बिकापुर। अवैध रूप से महुआ शराब बनाए जाने और उन पर कार्रवाई किए जाने को लेकर अक्सर पुलिस हो या आबकारी कर्मी, कई विवाद सामने आते रहे हैं। कार्रवाई के बदले पैसे की मांग जैसे आरोप भी कई बार सामने आ चुके हैं। कुछ ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

अंबिकापुर के नगर के मठपारा का यह वीडियो बताया जा रहा है, जहां जिला एक्साइस (आबकारी) की टीम कार्यवाही करने पहुंची थी। वहां उस वक्त लोग भड़क गए जब टीम ने कार्यवाही ना कर एक महिला से 10 हजार रुपए की मांग कर दी। लोगों ने टीम के वाहन को रुकवाया। उक्त महिला को भी वहां बुलाकर सच्चाई जानी। महिला ने स्पष्ट रूप से कहा कि, उससे पैसे लिए गए हैं। लोगों ने कहा कि, किसने पैसे दिए तो यह जायज हो गई और जिन्होंने पैसे नहीं दिए वह सभी नाजायज। भड़के मोहल्लेवासियों ने कहा कि, यह हमेशा से यहां हो रहा है। कार्रवाई करने टीम आती है और पैसे लेकर चली जाती है। विवाद के बाद आखिरकार टीम ने पैसे वापस किया। बताया जा रहा है कि यह घटना एक हफ्ते पूर्व की है। 

परंपरागत महुआ शराब बनाते हैं आदिवासी परिवार

बता दें कि, मणिपुर थाना क्षेत्र में ऐसे कई इलाके हैं जहां ज्यादातर आदिवासी परिवार निवासरत हैं। कई परिवार परंपरागत महुआ शराब बनाते आ रहे हैं। वहीं कई लोग अवैध महुआ शराब का धंधा भी करते हैं। चुनाव के समय आबकारी विभाग हो या पुलिस विभाग की टीम ने लगातार क्षेत्र के कई इलाकों में दबिश दी थी। क्षेत्र वासियों का आरोप है कि कई बार उनसे पैसे की मांग की गई। कई बार मोटी रकम लेकर जिला एक्साइस, पुलिस ने अवैध महुआ शराब बनाने वालों को छोड़ा है। 

जिला आबकारी अधिकारी को कोई मतलब नहीं

वायरल वीडियो में महिला यह बोलती हुई दिख रही है कि उसे 10000 रुपए लिए गए। मठपारा में पहुंची जिला एक्साइस की टीम में एसआई अनिल गुप्ता के साथ महिला कर्मचारी भी वीडियो में स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। एक आदिवासी महिला के घर से निकालकर जाते हुए टीम को स्थानीय लोगों ने रोक लिया और टीम पर जबरन पैसे लेकर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए। वायरल वीडियो में टीम पर लग रहे आरोप मामले को लेकर जिला आबकारी अधिकारी नवनीत तिवारी से मोबाइल पर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई परंतु उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया।

पुलिस मित्र के साथ क्यों नहीं जाती टीम 

स्थानीय लोगों का कहना था कि टीम कभी भी किसी भी आदिवासी महिला के घर घुस जाती है। छापा मार करवाई अगर करनी है तो स्थानीय पुलिस मित्र के साथ पुलिस हो या फिर जिला एक्साइस की टीम को जाना चाहिए। इससे पारदर्शी तरीके से कार्रवाई भी हो सकती है। वीडियो में स्थानीय लोग नए नियम का भी हवाला देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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