बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने डीपीएस स्कूल के छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी और छत्तीसगढ़ी भाषा में सम्बोधित किया और कहा कि डीपीसी स्कूल केवल किताबी ज्ञान देने वाला शिक्षा का केंद्र नहीं है, बल्कि यहां छात्र-छात्राओं का सर्वागीण विकास किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वार्षिकोत्सव में जो भी प्रस्तुति दी गई है, सभी में एक संदेश और गंभीर चिंतन छिपा है। दिल्ली पब्लिक स्कूल बिलासपुर का 15वाँ वार्षिकोत्सव बड़े उल्लास और धूमधाम से मनाया गया। इस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री अरुण साव थे। तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, हरियाणा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिम अभिमन्यु तथा हरिभूमि आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।
स्कूल में बच्चे सुसंस्कृत और पल्लवित हो रहे
विशेष अतिथि तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि इस स्कूल में बच्चे सुसंस्कृत और पल्लवित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल के स्तर का मूल्यांकन उसके बच्चों की मानसिक, शारीरिक और शैक्षणिक विकास से आंका जाता है। इस कार्यक्रम में बच्चों ने जो प्रस्तुति दी है, वह काबिले तारीफ है। बेतलरा विधायक सुशांत शुक्ला ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम में संस्था के प्राचार्य जसपाल सिंह ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल, बिलासपुर की गत वर्ष की उपलब्धियों एवं आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
एक भारत और श्रेष्ठ भारत की थीम शानदार
डिप्टी सीएम श्री साव ने इस दौरान छात्र- छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आज के कार्यक्रम में स्कूल ने जो प्रस्तुति दी है, वह शानदार है। जिस थीम एक भारत और श्रेष्ठ भारत के तहत बच्चों ने परफार्मेंस दिया है, वह भारत की संस्कृति का परिचायक है। श्री साव ने कहा कि मेरा डीपीएस स्कूल से गहरा नाता है। पहले एक अभिभावक के तौर पर आता था और अब सौभाग्य है कि बतौर मुख्य अतिथि आने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्पण, निष्ठा और मेहनत की के कारण देश आगे जा रहा है और खासतौर पर देश का भविष्य तैयार कर रहे हैं, इसलिए बच्चों को भी अपने भविष्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है। डिप्टी सीएम श्री साव ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि अपने सपनों को सीमाओं में मत बांधो, इसे खुले आसमान की तरह असीमित छोड़ दो। कामयाबी जरूर मिलेगी। अपने भाषण के अंत में उन्होंने कहा- रख हौसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा, तू थककर क्यों बैठा है ए राह के मुसाफिर, वो मंजिल भी मिलेगी और मिलने का भी मजा आएगा।