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अंतागढ़ में आदिवासी समाज द्वारा नक्सल प्रभावित बच्चों को गोंडवाना भवन में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इन बच्चों को कोचिंग के माध्यम से नवोदय, एकलव्य, प्रयास जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है।

फ़िरोज़ खान- अंतागढ़। छत्तीसगढ़ का अंतागढ़  कभी पिछड़ा हुआ कहलाने वाला क्षेत्र आज सर्व आदिवासी समाज की पहल से नई दिशा की ओर अग्रसर हो रहा है। इस क्षेत्र में इन दिनों आदिवासी समाज द्वारा नक्सल प्रभावित बच्चों को गोंडवाना भवन में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इन बच्चों को कोचिंग के माध्यम से नवोदय, एकलव्य, प्रयास जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। 

परिजनों ने भी बताया कि, समाज के इस पहल से वे काफी खुश है। अंदरूनी क्षेत्रों में संसाधनों की कमी के चलते कभी पिछड़ा कहलाने वाला क्षेत्र आज शिक्षा के प्रति नए आयाम गढ़ता दिख रहा है। इस काम को कर रहे सामाजिक पदाधिकारियों का कहना है कि, इस कोचिंग का उद्देश्य प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को सभी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है। ताकि, वह भी अच्छी शिक्षा लेकर समाज की धारा के समकक्ष चल सकें।

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