कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के अर्जुनी और बल्दाकछार वन परिक्षेत्र के जंगलों में रोजाना तेजी के साथ पेड़ो की अवैध कटाई की जा रही है। जिससे जंगल में हरे-भरे पौधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। पेड़ों की कटाई के कारण वन परिक्षेत्र कम होता जा रहा है। पहले जंगल काफी हरे-भरे हुआ करते थे, लेकिन इसमें आज कमी आ चुकी है।
बलौदाबाजार के अर्जुनी और बल्दाकछार वन परिक्षेत्र के जंगलों में रोजाना तेजी के साथ पेड़ो की अवैध कटाई की जा रही है। जिससे जंगल में हरे-भरे पौधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. @BalodaBazarDist #Chhattisgarh #SaveTrees_saveLife pic.twitter.com/9up8xE45LU
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) October 21, 2024
अधिकारियों के पास शिकायत के बावजूद जंगल की कटाई पर वन विभाग रोक लगाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। लकड़ी माफिया जंगल में एक जगह कटाई नहीं कर रहे है। बल्कि, अलग जगह दूरी बनाकर पेड़ो की कटाई कर रहे है, जिससे विभाग को पता न चले। सामान्य वन मंडल के अर्जुनी, मुढ़ीपार पिपरछेड़ी गांव के आसपास सागौन सहित अन्य पेड़ों की कटाई लगातार की जा रही है। बेरोक-टोक कटाई के चलते लकड़ी माफिया जंगलों में लगातार सक्रिय बने हुए हैं। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो वन विभाग के संरक्षण में लकड़ी माफिया पनप रहा है। पिछले कई महीनों से जंगल में पेड़ों की कटाई चल रही है।
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लाखों की लागत से किया जाता है वृक्षारोपण
इलाके के जंगलों में पौधरोपण के लिए वन विभाग अधिकारियों को टारगेट दिया जाता है। वहीं अधिकारी पौधारोपण में लाखों रुपए खर्च कर पौधे रोप कर जाते हैं। लेकिन उनकी देखरेख और सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके अलावा जंगलों में खड़े पेड़ों की देखरेख वन विभाग द्वारा की जाए तो जंगल को काफी हद तक बचाया जा सकता है।