कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में रेत तस्कर नए- नए तरीके इजात कर अवैध खुदाई और धड़ल्ले से परिवहन कर रहे हैं। ताजा मामला लवन कसडोल ब्लाक के चांगेरी, तूरमा से आया है। जहां रेत तस्कर ट्रैक्टर मालिकों से मिलकर नदी के अंदर से रेत निकलवा कर 500 मीटर दूर किनारे में डंप करवा रहे हैं और वही रेत चैन माउंटेन के माध्यम से हाइवा में लोड कर बाजार में ऊंचे कीमत पर बेच रहे हैं।
बलौदाबाजार जिले में रेत तस्कर नए- नए तरीके इजात कर अवैध खुदाई और धड़ल्ले से परिवहन कर रहे हैं। ये प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से नदी में रेत लेने जाते हैं और 500 मीटर दूर किनारे पर खाली कर देते हैं। pic.twitter.com/iRLlP6HsWI
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) November 24, 2024
खनिज विभाग ट्रैक्टर मालिकों के ऊपर कारवाई करने पहुंचता है तो ट्रैक्टर मालिक प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत रेत लेकर जाने का बहाना बना कर कार्रवाई से बच रहे हैं। इसी का फायदा रेत तस्कर भी उठा रहे हैं। हरिभूमि संवाददाता ने शनिवार को लवन क्षेत्र में रेत खदानों की पड़ताल की तो पाया कि, प्रतिबंध कहीं भी नहीं लगा है। जहां नदियां लबालब हैं, वहां ट्रैक्टर ट्रालियों से रेत निकालकर ऊपर किनारे में जमा की जा रही है।
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खुलेआम ट्रैक्टरों से हो रही है ढुलाई
नदी किनारों से रेत खोदकर ले जाने में सबसे बड़ी भूमिका ट्रैक्टरों की है। ये प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से नदी में रेत लेने जाते हैं और 500 मीटर दूर किनारे पर खाली कर देते हैं। वहां से यह रेत हाईवा में भरकर तस्करों द्वारा अन्य शहरों में सप्लाई की जाती है। एक हाईवे रेत 15 से 18000 रुपए तक में बेची जा रही है, तो वहीं एक ट्रैक्टर ट्रॉली रेत 500से 7 सौ रुपए में किनारे तक आ रहा है। अगर एक हाईवे में 10 ट्राली भी रेत आती है तो 5000 रु की रेत को तस्करों द्वारा बेचकर 10000 रु से अधिक प्रति टिप का मुनाफा मिल रहा है। सभी जगह के घाटों में हर 10 मिनट में रेत से लोड ट्रैक्टर जाते हुए दिख जाएंगे।