रायपुर- छत्तीसगढ़ के स्कूलों में 14 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजन किया जाएगा। इस दिन सरस्वती पूजा और मातृ-पितृ पूजन का कार्यक्रम किया जाएगा। इसके लिए पहले से स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को आदेश जारी कर दिया है। मातृ पितृ पूजन की घोषणा सीएम विष्णुदेव साय ने की थी। अहम बात यह है कि, बच्चों के अभिभावकों को स्कूल में सम्मानित किया जाएगा। 

हमारे संस्कार भी हैं और संस्कृति भी

शिक्षा और संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। भगवान गणेश जी ने माता-पिता की परिक्रमा को ही ब्रह्मांड की परिक्रमा माना था और संसार में प्रथम पूज्य का स्थान उन्हें मिला था। माता-पिता की सेवा और उनके आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा है। यह हमारे संस्कार भी हैं और संस्कृति भी...

सफलता का मूल मंत्र है माता-पिता की सेवा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि, अपने माता पिता का पूजन करें, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। जीवन में सफलता का मूल मंत्र है माता-पिता की सेवा और उनका आशीर्वाद। इसलिए बसंत पंचमी के दिन 14 फरवरी को पूरे छत्तीसगढ़ में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जायेगा। सभी स्कूलों, कॉलेजों के साथ ही सामाजिक संस्थाएं भी इस दिन विशेष आयोजन करेंगे।