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आठ बंदूकधारियों से भिड़ते हुए पिता की जान बचाने वाली बस्तर की बहादुर बेटी का राज्यपाल द्वारा सम्मान किया जाएगा।

जगदलपुर। आठ बंदूकधारियों से भिड़ते हुए पिता की जान बचाने वाली बस्तर की बहादुर बेटी का राज्यपाल द्वारा सम्मान किया जाएगा। दो दिन पूर्व सोमवार की रात नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के झारागांव में 17 वर्षीय आदिवासी लड़की ने अपने पिता की जान बचाने के लिए साहसिक कदम उठाया। आठ बंदूकधारी नक्सलियों ने कुल्हाड़ी व बटूंक से लैस होकर झारागांव निवासी किसान सोमदेर कोर्राम के घर में घुसे तो उसकी बेटी सुशीला ने अपनी जान पर खेलते हुए नक्सलियों को खदेड़ दिया था।

जानकारी के मुताबिक सोमवार रात कुल्हाड़ी और बंदूक से लैस आठ हमलावर सोमदेर कोर्राम के घर में घुस आए थे। हमलावरों ने सोमदेर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे सोमदेर गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद अपनी जान की परवाह न करते हुए बेटी ने पिता की जान बचाने में कामयाब रही। हमलावरों को देखकर बेटी सुशीला ने बहादुरी दिखाते हुए शोर मचाना शुरू कर दिया और कुल्हाड़ी चलाने वाले हमलावर पर झपट पड़ी। इतना ही नहीं सुशीला ने हमलावर से हथियार छीन लिया और अपनी जान की परवाह किए बिना पिता की रक्षा की। सुशीला की बहादुरी से हमलावर डर गए और शोर सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद हमलावर मौके से भाग खड़े हुए। हमलावरों के हमले में सोमदेर को सीने में गहरी चोट आई, जिसके बाद नारायणपुर में प्राथमिक उपचार के बाद उसे जगदलपुर रेफर किया गया और उसका मेडिकल कॉलेज डिगरापाल में उपचार जारी है। मेकाज में डाक्टर उसका उपचार कर रहे है और उसकी हालत अब स्थिर है। इधर बस्तर के बहादुर बेटी की वीरता की जानकारी मिलने के बाद राज्यपाल रमेन डेका द्वारा उसका राजभवन में सम्मान किया जाएगा। 

नक्सली या कोई और पुलिस कर रही जांच

मामले में पुलिस का कहना है कि यह घटना जमीन विवाद से जुड़ी हो सकती है, जबकि स्थानीय ग्रामीण इसे नक्सली हमला मान रहे हैं। बहरहाल पुलिस दोनों पहलुओं से मामले की जांच कर रही है। सुशीला ने बताया कि शाम को कुछ लोग घर आए थे और पिता के बारे में पूछताछ की थी। रात में जब वे दोबारा लौटे तो नकाब पहने हुए थे और उनके पास कुल्हाड़ी और बंदूक थी। जिन्होंने कुल्हाड़ी से उसके पिता पर हमला किया, लेकिन वह हमलावरों से अपने पिता की जान बचाने में कामयाब रही। 

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