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मां चंगा के मंदिर में इन दिनों एक भालू आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रोजाना सुबह और शाम के समय जंगल से निकलकर एक भालू प्रसाद खाने के लिए मंदिर पहुंचता है और प्रसाद खाने के बाद वापस लौट जाता है। 

रविकांत सिंह राजपूत-मनेन्द्रगढ़। वनांचल क्षेत्र के भरतपुर विकासखंड के भगवानपुर गांव में मां चांग देवी विराजमान हैं। मां के मंदिर में इन दिनों एक भालू आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रोजाना सुबह और शाम के समय जंगल से निकलकर एक भालू प्रसाद खाने के लिए मंदिर पहुंचता है और प्रसाद खाने के बाद करीब एक घंटे तक मंदिर प्रांगण में घूमता है। इसके बाद वह वापस जंगल की तरफ लौट जाता है। खास बात यह है कि, इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद होती बावजूद इसके भालू ने आज तक किसी पर भी हमला नहीं किया।  

बता दें कि, मां चांग देवी का मंदिर एमसीबी जिले से 110 किलोमीटर की दूरी पर है। ये मंदिर जंगल किनारे भगवानपुर गांव में स्थित है। यहां पर देवी माता के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं लेकिन यहां पर पहली बार आने वाले श्रद्धालु हैरान रह गए। यहां पर एक भालू मंदिर परिसर में घूम रहा था और कुछ लोग उसे प्रसाद खिला रहे थे। प्रसाद खाने के बाद भालू वापस जंगल की ओर लौट जाता है। आज तक उसने कभी भी किसी श्रद्धालु पर हमला नहीं किया है। 

भालू के आने-जाने की गई है व्यवस्था 

स्थानीय लोगों की मानें तो ये देवी मां का चमत्कार है। भालू इसी तरह मंदिर में देवी मां के दर्शन के लिए आता है और प्रसाद खाकर लौट जाता है। मंदिर परिसर में भालू का आना-जाना लगा रहता है मंदिर समिति की तरफ से भी भालू के आने-जाने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। 

माता के प्रति भालू की आस्था देखने के लिए भी आ रहे लोग

उल्लेखनीय है कि, बालंग राजा की कुलदेवी मां चांग देवी थी। माता के प्रति भक्तों की ऐसी आस्था है कि हर दिन यहां पर भक्तों की लंबी कतार होती है। खासकर नवरात्र के मौके पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इन दिनों भालू का देवी मां के प्रति आस्था देखने के लिए भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

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