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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी का कहर टूटा है। एक बार फिर बंगाल से दूसरे राज्यों में आलू भेजने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

रायपुर। आलू पर एक बार फिर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी का कहर टूटा है। बंगाल से दूसरे राज्यों में आलू भेजने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसा होने से जहां बंगाल के कारोबारी परेशान हो गए हैं, वहीं बंगाल से छत्तीसगढ़ भी माल आना पूरी तरह से बंद हो गया है। बंगाल से रोज अपने राज्य में 25 से 30 ट्रक माल आता है। अब उप्र और मप्र के छिंदवाड़ा से आलू आ रहा है। ऐसे में थोक में जहां नया और पुराना आलू 35 रुपए किलो तक बिक रहा है, वहीं चिल्हर कारोबारी इसको 50 रुपए में बेच रहे हैं। आने वाले समय में कीमत में कमी होने की संभावना नहीं है। बीते साल नया आलू आने पर इसकी कीमत थोक में 10 रुपए और चिल्हर में 15 रुपए किलो थी। 

आमतौर पर आलू की कीमत 20 रुपए से ज्यादा नहीं होती, लेकिन इस साल कीमत पहले 40 रुपए तक गई और अब पहली बार कीमत 50 रुपए हो गई है। अपने राज्य छत्तीसगढ़ में आलू की आवक बंगाल और उप्र से होती है। रायपुर, दुर्ग के साथ बस्तर संभाग में आमतौर पर बंगाल का आलू ही पसंद किया जाता है। बिलासपुर और सरगुजा संभाग में उप्र का आलू चलता है। वहां पर बंगाल का आलू पसंद नहीं किया जाता है। अपने राज्य में रोज 50 से 60 ट्रक के आस-पास आलू बंगाल और उप्र से आता है। राजधानी रायपुर के ही बाजारों में रोज कम से कम 25 ट्रक आलू की आवक होती है। लेकिन इस समय उम्र से 10 से 12 ट्रक और मप्र से दो से तीन ट्रक ही आलू आ रहा है। इसी तरह से बिलासपुर, सरगुजा और अन्य शहरों में आवक कम हो गई है।

बंगाल का आलू बंद

यह दूसरी बार है जब बंगाल से आलू को दूसरे राज्यों में भेजने पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी से बैन किया है। इसके पहले भी इस साल वहां पर प्रतिबंध लगाया गया था तब आलू की कीमत 40 रुपए हो गई थी। तब तो बंगाल से चोरी-छुपे आलू की आवक हो रही थी, लेकिन अब तो आवक पूरी तरह से बंद हो गई है। कारोबारी कहते हैं, चोरी-छुपे आलू मंगाने पर बहुत महंगा पड़ेगा। बंगाल में ही आलू की कीमत करीब 29 रुपए है। किराया मिलाकर यहां पर 31 रुपए में आलू आ रहा था। चोरी छुपे मंगाने पर यहां 40 रुपए से कम में नहीं आ पाएगा, यही वजह है कि बंगाल से आलू नहीं मंगाया जा रहा है।

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पहली बार ढाई गुना कीमत

आलू की कीमत आमतौर पर थोक में साल भर पहले 10 रुपए के आस-पास रहती थी। बीते साल नया आलू आया था तो थोक में यह 8 से 10 रुपए और चिल्हर में 15 रुपए किलो तक बिका है। लेकिन अब आलू जहां थोक में 35 रुपए तक किलो हो गया है, वहीं चिल्हर में यह 50 रुपए तक बिक रहा है। चिल्हर कारोबारी कहते हैं 40 किलो की एक बोरी में कम से चार से पांच किलो आलू खराब निकल जाता है। ऐसे में 40 रुपए से ज्यादा कीमत में तो हमको पड़ता है। ऐसे में 50 रुपए में बेचना हमारी मजबूरी है।

बंगाल से नहीं आ रहा आलू

 भनपुरी  थोक आलू-प्याज संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि, बंगाल की सरकार ने आलू को बाहर के राज्यों में भेजने पर बैन लगा दिया है, ऐसे में वहीं से छत्तीसगढ़ में कहीं भी आलू नहीं आ रहा है। अभी उम्र और मप्र के छिंदवाड़ा से नया आलू आ रहा है।
 

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