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कांग्रेस पार्टी ने अब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हार के बाद संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव शुरू कर दिया है। इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा को हटा दिया गया है।

रायपुर। विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी के तीन बड़े राज्यों में मिली हार के बाद  कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव हुआ है। छत्तीसगढ़ की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को हटा दिया गया है। उनकी जगह राजस्थान के नेता सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। वहीं कुमारी सैलजा को उत्तराखंड का प्रभार दिया गया है। इसके अलावा भी पार्टी ने कई राज्यों के प्रभारियों को बदला है।  

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उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में हार के बाद कई पूर्व विधायकों ने भी कुमारी सैलजा पर ऊगली उठाई थी। साथ की कुछ आडियो-वीउियो भी चर्चा में रहे। इधर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी हार के बाद मंथन का दौर जारी है। आज दिनभर पीसीसी मुख्यालय में बैठकों का दौर जारी रहा। 

टिकट काटने को लेकर उठे सवाल

संयुक्त महामंत्री और प्रदेश सचिवों की बैठक के बाद दूसरी बड़ी बैठक टिकट से वंचित हुए 20 पूर्व विधायकों की हुई। यह बैठक पीसीसी चीफ दीपक बैज ने ली। जैसा कि उम्मीद जताई जा रही थी। बैठक में अंदरूनी सर्वे के नाम पर टिकट काटने का मुद्दा भी उठा। उल्लेखनीय है कि, इसी अंदरूनी सर्वे को आधार बताकर कांग्रेस पार्टी ने 22 विधायकों की टिकट काट दी थी। हालांकि आज की इस बैठक में उनमें से लगभग 15 पूर्व विधायक ही मौजूद रहे।  

बताया गया मनगढ़ंत सर्वे

 कांग्रेस के पूर्व विधायकों की बैठक खत्म होने के बाद पता चला कि, बैठक में सर्वे रिपोर्ट से टिकट काटने का मुद्दा ही प्रमुख रूप से पूर्व विधायकों ने उठाया। पूर्व विधायकों का कहना था कि, सर्वे रिपोर्ट गलत थी। मनगढ़ंत सर्वे रिपोर्ट को आधार मानकर हमारी टिकट काटी गई। पूर्व विधायकों ने साफ-साफ कहा कि, अगर 22 विधायकों की टिकट नहीं कटी होती तो फिर बनती छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार।

पूर्व विधायकों ने दिन का गुबार निकाला

बैठक के बाद टिकट से वंचित एक पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी ने मीडिया से कहा कि, दिल के सारे गुबार निकल गए। बैठक में हार को लेकर आंसू भी छलके, लेकिन अब सारी बातें भूलकर लोकसभा की तैयारियों में जुटेंगे। वहीं टिकट से वंचित एक अन्य पूर्व विधायक चंद्रदेव राय ने कहा- सर्वे रिपोर्ट को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने साफ कहा कि, इतनी संख्या में टिकट नहीं कटी होती तो सरकार बन जाती। 

एक पूर्व मंत्री भी हुए गुस्से का शिकार

इससे पहले पदाधिकारियों की बैठक में भी पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं का काम नहीं होने को लेकर जमकर शिकायतें कीं। बताया जा रहा है कि, एक पूर्व मंत्री पर भी पदाधिकारियों ने जमकर गुस्सा दिखाया। पदाधिकारियों ने कहा- हमारी ही सरकार में हमारे कार्यकर्ताओं का कोई काम नहीं, हुआ।

शिकायतें मिली हैं, उनपर विचार कर रहे हैं : बैज

वहीं पदाधिकारियों की यह बैठक खत्म होने के बाहर निकलकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बताया कि, कई विषयों पर सुझाव सामने आए हैं। कुछ शिकायतें भी हुई हैं। कुछ शिकायतों पर चुनाव के दौरान कार्रवाई हुई थी। बाकी मामलों पर भी कांग्रेस पार्टी विचार कर रही है। 

जिला और विधानसभावार भी होगी समीक्षा

भीतरघात की शिकायतों को लेकर बोले पीसीसी चीफ ने कहा कि, कुछ शिकायतें मिली हैं, आगे और चर्चा की जा रही है। हमारे प्रभारी जिलों और विधानसभाओं में बैठक लेंगे। श्री बैज ने कहा कि, हार के कारणों की समीक्षा का दौर अभी लगातार जारी रहेगा।

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