गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के एनकाउंटर से घबराकर नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को मध्यप्रदेश के गोंदिया डिवीजन में सक्रिय रहे माओवादी दंपत्ति समेत 13 माओवादियों ने सरेंडर किया है। इन सभी के सर पर सरकार ने 5- 5 लाख रुपये का इनाम था।
दो हार्डकोर नक्सलियों ने किया सरेंडर
वहीं मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी जिले से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सुरक्षा बलों के ताबड़तोड़ एक्शन से नक्सली संगठनों की जड़ें अब उखड़ने लगी हैं। महाराष्ट्र राज्य के नक्सली पैठ वाले गढ़चिरौली जिले में सुरक्षा बलों के एनकाउंटर से माओवादी खौपजदा है। इसी कड़ी में बुधवार को दो हार्डकोर महिला नक्सलियों ने लाल आतंक का साथ छोड़कर आत्मसमर्पण किया है।
गढ़चिरौली पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
उल्लेखनीय है कि, शीर्ष माओवादी नेताओं के खोखले दावों से निराश और आम नागरिकों के खिलाफ उनकी हिंसा से निराश, प्रतिबंधित सीपीआई के सदस्यों की एक बड़ी संख्या 2005 से महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू समर्पण पुनर्वास नीति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन की बदौलत अब तक कुल 693 सक्रिय माओवादियों ने गढ़चिरौली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। दो कट्टर महिला माओवादी शामला ज़ुरु पुडो लीला, पीपीसीएम/सेक्शन कमांडर, कंपनी नंबर 10, उम्र 36 वर्ष, निवासी गट्टेपल्ली, तहसील एतापल्ली, जिला गढ़चिरौली और काजल मंगरू वड्डे उर्फ़ लिम्मी, पार्टी सदस्य, भमरगड एलओएस, 24 वर्ष, ग्राम नेलगुंडा, तहसील भामरागड। दोनों ने गढ़चिरौली पुलिस और सीआरपीएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
कई नक्सल घटनाओं में थे शामिल
कंपनी कमांडर शामला पुडो पर महाराष्ट्र शासन के द्वारा 8 लाख और सदस्य काजल मंगरु के ऊपर 2 लाख का इनाम घोषित किया गया था। महाराष्ट्र नक्सल सेल के अनुसार, दोनों महिला नक्सली विगत कई वर्षों से नक्सली संगठन में काम करते हुए कई घातक वारदातों को अंजाम दिया था।