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छत्तीसगढ़ सरकार मनरेगा के तहत जरूरतमंदों को कुएं का निर्माण कराने में मदद करती है। आइए जानते हैं ये योजना कैसे लोगों के जीवन में खुशहाली ला रही है।

यशवंत गंजीर- कुरूद। आज भी गांवों में कुएं का कितना महत्व है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, पुराने लोग सैकड़ों वर्ष पहले जब भी कभी कोई नई बस्ती या गांव बसाते थे तो सबसे पहले देखते थे कि आसपास जमीन में मीठा पीने योग्य पानी है या नहीं। लोग पशुओं और अपने नहाने धोने के लिए तालाब या कुआं निर्माण अवश्य करते थे। ग्रामीण क्षेत्रों में साफ पानी व निस्तार सुविधा के लिए कुंआ पर आश्रित रहते थे। गांव में जल आपूर्ति का एकमात्र स्रोत अगर है तो वह है कुआं। कुआं एक ऐसी संरचना है जिसे जमीन को खोदकर बनाई जाती है और एक बड़ा भू-जल को प्राप्त करते हैं। 1990 दशक के आस पास इन कुओं में जलपंप से खेतों की सिंचाई भी करते थे। ग्रामीण क्षेत्र में आज भी कुंआ का अपना सामाजिक महत्व है।

कुआं बनाने के लिए मिले 2 लाख 57 हजार रुपए 

जिले के मगरलोड विकासखंड के ग्राम पंचायत सिंगपुर निवासी प्रग्नील ज्वेल जो अस्थि बाधित दिव्यांग हैं जिनका जॉब कार्ड नंबर CH-09-004-060-001/49 है। वर्ष 2020-21 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कुआं निर्माण के लिए जिला कार्यालय से राशि 2 लाख 57 हजार रुपए की स्वीकृति मिली थी, जिसे वित्तीय वर्ष - 2023-24 में पूर्ण किया। कुआं निर्माण की जानकारी प्रग्नील ज्वेल को जनपद पंचायत मगरलोड के माध्यम से प्राप्त हुआ। कृषि योग्य भूमि होने के बावजूद भी रबी फसल का लाभ मिलेगा नहीं ले पाते थे। दलहन, तिलहन के लिए भी पानी की समस्या हमेशा ही बना रहता था। लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुआं निर्माण होने से सिंचाई सुविधा में आ रही सारी समस्या का समाधान हो गया। 

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15 हितग्राहियों के लिए बने व्यक्तिगत कुएं 

इस संबंध में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री रोमा श्रीवास्तव ने बताया कि, जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं अजजा, अजा, अन्य पिछड़ा वर्ग को प्राथमिकता देते हुए उनकी आजीविका में बढ़ोतरी हेतु बाड़ी एवं सिंचाई सुविधा के लिए 15 हितग्राहियों को व्यक्तिगत कुआं निर्माण के लिए राशि - 39 लाख 6 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है। कुआं निर्माण से लाभान्वित हितग्राही आर्थिक रूप से सक्षम होकर पारिवारिक जीवन की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।

कुआं बनने के बाद दो फसल लेने लगा : प्रग्नील ज्वेल 

लाभान्वित हितग्राही श्री ज्वेल ने बताया कि, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि 2 लाख 57 हजार रुपए से कुआं का निर्माण किया। कुआं निर्माण के पहले मात्र दो एकड़ भूमि में धान की फसल ले पाता था जो वर्षा आधारित था। लेकिन कुआं का निर्माण होने से पूरे पांच एकड़ में दोफसली उत्पादन से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुआ। वहीं मैं लोगों को कुंआ के महत्व तथा जल संरक्षण संवर्धन के प्रति जागरूक कर रहा हूं। सरपंच  फणीश गंगासागर ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत स्वीकृत व्यक्तिगत कुआं निर्माण से प्रग्नील के जीवन में उम्मीद की नई किरण आयी है जिसके कारण आर्थिक रूप से सक्षम हुए।

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