छन्नू खंडेलवाल- मांढर। रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने मंगलवार को धरसीवां ब्लॉक के ग्राम सोडरा, सिलतरा, चरौदा, कुरां में झोला छाप डाक्टरों की क्लीनिकों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। टीम ने साहू दवाखाना, दीक्षा क्लिनिक, श्री साईं क्लीनिक और वर्मा क्लिनिक सहित कई क्लीनिकों के दस्तावेजों की जांच के लिए भेजा। धरसीवां तहसीलदार जयेंद्र सिंह ने बताया कि, कलेक्टर के निर्देश पर एक टीम तैयार की गई है। 

दवाइयों की एक्सपायरी डेट चेक करते हुए अफसर 

इस टीम में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. विकास अग्रवाल, कुंरा सीएमओ ललित साहू और धरसीवां टीआई राजेंद्र दीवान शामिल हैं। पहले दिन की कार्रवाई में कई झोला छाप डॉक्टरों के क्लीनिकों में छापा मारकर दस्तावेजों को जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है। अगर दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई जाती है या अन्य पद्धति से इलाज किया जा रहा है, तो क्लीनिक को सील बंदी की कार्रवाई की जाएगी। 

छापे की खबर मिलते ही क्लीनिक बंद कर भागे झोला छाप 

धरसीवां ब्लॉक के गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक बढ़ गया था, जो लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे थे। प्रशासन की कार्रवाई की खबर मिलते ही झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मच गया और अधिकांश ने अपने क्लीनिक बंद कर फरार हो गए। प्रशासन की सख्ती से झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी पर लगाम लगने की उम्मीद है। 

दीक्षा क्लिनिक में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी 

डिग्री होम्योपैथिक का और कर रहे एलोपैथिक इलाज

क्षेत्र में अधिकांश डॉक्टरों के पास होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक की डिग्री है, लेकिन वे एलोपैथिक पद्धति से उपचार कर रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे उनके हौसले बुलंद हैं। ये डॉक्टर मनमाने तरीके से मरीजों से इलाज के नाम पर लूट खसोट कर रहे है।