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मंत्रालय के निर्देश के बाद पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ सुधीर अग्रवाल(PCCF Wildlife Sudhir Aggarwal)ने सभी डीएफओ को पत्र लिखकर अपने वनक्षेत्र में जितने खुले कुएं हैं, उन्हें कैंपा राशि से ढकने निर्देश जारी किए हैं।
  • राज्य में वन से सटे गांवों में पांच हजार से ज्यादा कुआं हैं जिन्हें ढंका जाएगा

रायपुर। जंगल से सटे गांवों में ग्रामीणों द्वारा पेयजल की व्यवस्था करने कुएं की व्यवस्था रहती है। लोगों की सुविधा के लिए तैयार कुआं वन्यजीवों के लिए प्राणघातक तथा परेशानी का कारण साबित हो रहा है। पानी की तलाश में भटक रहे वन्यजीवों (Wildlife)की इन खुले कुओं में गिरने से मौत होने से लेकर घायल होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए दो वर्ष पूर्व इन खुले कुओं को ढकने के लिए केंद्रीय पर्यावरण (Union Ministry of Environment), वन एवं मौसम परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Forest and Climate Change) ने निर्देश जारी किए थे।

मंत्रालय के निर्देश के बाद पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ सुधीर अग्रवाल(PCCF Wildlife Sudhir Aggarwal)ने सभी डीएफओ को पत्र लिखकर अपने वनक्षेत्र में जितने खुले कुएं हैं, उन्हें कैंपा राशि से ढकने निर्देश जारी किए हैं। गौरतलब है कि खुले कुएं में पानी की तलाश में भटक रहे तेंदुआ, भालू, हिरण जैसे वन्यजीवों की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसके साथ ही शिकार का पीछा करते हुए तेंदुआ की कुएं में गिरने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। खुले कुएं में गिरे वन्यजीवों को रेस्क्यू कर निकालना वनकर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है।

हाथी तक गिर चुका है सुखे कुएं में

कुएं में गिरने की घटनाएं भालू, तेंदुआ जैसे जानवरों के साथ ही नहीं हुई हैं, छह वर्ष पूर्व वर्ष 2017 में एक हाथी के बच्चे की सुखा कुआं में गिरने की घटना घट चकी है।

अधिकृत तौर पर हर वर्ष 15 से 20 घटनाएं

वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष वन्यजीवों की कुएं में गिरने की 15 से 20 घटनाएं सामने आती है। इनमें वन्यजीवों की मौत से लेकर उन्हें आजीवन अपंगता की पीड़ा झेलनी पड़ती है। इसके विपरीत कई घटनाएं ऐसी होती है, जिसमें वन्यजीवों को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकालने तथा जंगल में छोड़ने के बाद उनका रिकार्ड नहीं रखा जाता।

दो वर्ष पूर्व भी दिए गए थे निर्देश

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रालय ने पूरे देश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी के पत्र के बाद खुले कुओं को ढकने के लिए निर्देश जारी किए थे, तब अफसरों ने केंद्रीय मंत्रालय के निर्देश की अनदेखी करते हुए खुले कुओं को ढकने में रुचि नहीं दिखाई। वर्तमान पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने इसे गंभीरता से लेते हुए गर्मी के पूर्व खुले कुओं को कैपा फंड की राशि से ढकने के निर्देश जारी किए हैं।

पांच हजार से ज्यादा खुले कुओं को ढकना होगा

गौरतलब है कि राज्य के 55 हजार 717 वर्ग किलोमीटर राज्य का 42 प्रतिशत भू-भाग वनक्षेत्र में शामिल है। अनुमान के मुताबिक इन वनक्षेत्रों में पांच हजार से ज्यादा खुले कुएं को ढकना होगा, जिनमें गिरने से वन्यजीवों की मौत तथा घायल होने की घटनाएं होती हैं। अफसरों को अनुसार कुओं को ढकने के लिए सुरक्षा दीवार खड़ी करने के साथ उसे जाली से ढका जाएगा।

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