दुर्ग- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को लेकर भाजपा पहले से ही सीबीआई जांच की मांग कर चुकी है। सरकारी नौकरियों को पाने के लिए लाखों की ठगी करने वालों को पकड़ने के लिए जांच की मांग की गई है। 5 साल तक यहां पर सत्ता कांग्रेस के हाथों में थी, इसके बावजूद इस तरह की घोटाले देखने को मिले, हालांकि अब भाजपा की एंट्री प्रदेश में हो चुकी है। क्या अब इस परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी...
बता दें, छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक युवक से CG PSC परीक्षा पास करवाने के नाम पर 40 लाख रुपए की ठगी की गई है। युवक के शिकायत करने के बाद पुलिस एक्शन मोड में आई और आरोपी की तलाश में जुटी हुई है। अब तक की तहकीकात में पता चला है कि, आरोपी अंबिकापुर का रहने वाला है और चौहान ग्रीन वैली में रेंट पर रहता है।
मेरी उच्च अधिकारियों से पहचान है...
युवक का कहना है कि, जब भी आरोपी उसे मिलता था। तब उसने बताया कि, उसकी पहचान लोकसेवा आयोग छत्तीसगढ़ के उच्च अधिकारियों से है। वो पीएससी की परीक्षा में उसे पास कराने के साथ ही उसका सलेक्शन भी करवा देगा। यह बात सुनकर युवक ने नौकरी पाने की लालच में अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर 40 लाख रुपये आरोपी को दे दिए, लेकिन उसे नौकरी अब तक नहीं मिल पाई...
नौकरी नहीं लगने के बाद क्या हुआ...
दरअसल, 40 लाख रुपये देने के बाद भी जब पीड़ित की नौकरी नहीं लगी तो उसने आरोपी विकास से पैसे वापस देने को कहा, जिसके बाद विकास ने तारकेश्वर को 9 अक्टूबर 2023 को पांच लाख रुपये का एक चेक दे दिया। लेकिन कुछ दिन बाद आरोपी विकास भिलाई से रफूचक्कर हो गया था।
एक दूसरे के पुराने दोस्त...
जानकारी के मुताबिक, तारकेश्वर और आरोपी विकास की एक दूसरे से पुरानी जान-पहचान है और वो दोनों दोस्त हैं। इसी बीच विकास एक दिन उसके घर पहुंचा था और उसी दौरान उसने तारकेश्वर से कहा कि उसकी सीजी पीएसपी के अधिकारियों से अच्छी जान-पहचान है। इससे तारकेश्वर उसके झांसे में आ गया और बिना सोचे-समझे 40 लाख दे दिए...
पैतृक जमीन बेच दी...
दिसंबर 2022 में सीजी पीएससी की भर्ती में आरोपित ने पीड़ित से फार्म भरवाया और भरोसा दिलवाया कि वो परीक्षा पास करवाने से लेकर भर्ती कराने का कार्य पूरा करेगा। इसके बदले में उससे 40 लाख रुपये लिए। आरोपी की बातों में आकर पीड़ित ने नकद और अपनी पत्नी के खाता और परिचितों के माध्यम से अलग-अलग किस्तों में कुल 40 लाख रुपये जमा करके दे दिए। इतना ही नहीं धरसीवा जिला रायपुर की पैतृक जमीन भी बेच दी।