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बिलासपुर हाईकोर्ट ने शहर में नालियों से पानी की निकासी को लेकर निगम के अफसरों उनकी इंजीनियरिंग पर बड़ा सवाल उठाया है। सीजे ने सिक्रेटरी से कहा- थोड़ी सी बारिश में जब न्यायधानी का ये हाल है, तो प्रदेश के शहरों की क्या स्थिति होती होगी। 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर शहर में नालियों से पानी की निकासी को लेकर निगम के अफसरों और उनकी इंजीनियरिंग पर सवाल उठाया है। नगर निगम के कमिश्नर और नगरीय प्रशासन विभाग के सेक्रेटरी से कोर्ट ने पूछा है कि, ये कैसी इंजीनियरिंग है जो हल्की सी बारिश होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है। नालियां और नाले जाम हो जा रही हैं। लोगों की परेशानी से आप लोगों को कोई लेना-देना है या नहीं। बारिश के दिनों में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए आपके पास कोई कार्ययोजना है भी या नहीं। कोर्ट ने कहा कि, अभी तो पूरी बरसात बाकी है। लोगों को दिक्कत ना हो, इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग और बिलासपुर नगर निगम क्या कर रहा है। इस पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। 

डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई 
जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने शासन और नगर  निगम की ओर से पैरवी करने के लिए मौजूद अफसरों से पूछा कि, हल्की वर्षा के कारण पुराने बस स्टैंड की सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। नाली का पानी सड़क पर आ जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सचिव, शहरी प्रशासन एवं विकास, और आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर को कहा कि,खराब जल निकासी व्यवस्था के कारण जल जमाव के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा दायर कर जवाब पेश करे।

कोर्ट ने यह भी पूछा 
कोर्ट  ने  कहा कि, हल्की बारिश के दौरान  शहर के कश्यप कालोनी में अधूरे नाली निर्माण के कारण पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में सड़क पर जलभराव की स्थिति हो गई। पानी खाली होने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया। नाली निर्माण का कार्य पिछले दो माह से चल रहा है और बारिश से पहले काम पूरा नहीं होने से  परेशानी आ रही है। बस स्टैंड और राजीव प्लाजा की नालियां भी लबालब हो गईं। साथ ही होर्डिंग तेज अंधड़ में नीचे जाकर बिजली लाइन में फंस गया। इसे सुधारने में काफी समय लगा। व्यवस्था सुधारने के लिए विभाग के अफसर क्या कर रहे हैं और क्या कार्ययोजना है। ये सब व्यवस्था कब तक दुरुस्त होगी।

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