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छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय उर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने टेक्नीशियन के 586 पद पर संविदा भर्ती के लिए नया विज्ञापन जारी किया था। जिसको लेकर 30 तकनीकी कर्मचारियों ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय उर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने टेक्नीशियन के 586 पद पर संविदा भर्ती के लिए नया विज्ञापन जारी किया था। जिसको लेकर 30 तकनीकी कर्मचारियों ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपील कर सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला दिया था। जिसके बाद इस मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अक्षय उर्जा विकास अभिकरण के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

इन्होंने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा 

दरसअल, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण ने विभाग के टेक्नीशियन के पद के लिए आठ जुलाई 2024 को एक नया विज्ञापन जारी किया था। जिसे वहां कार्यरत संविदा कर्मचारियों बालोद जिले के किशोर कुमार साहू सहित 8 अन्य, बेमेतरा जिले से लीलाधर साहू सहित छह अन्य और राजनांदगांव जिले से मुकेश कुमार व 21 अन्य अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी है।

यह है पूरा मामला 

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि, उनकी नियुक्ति टेक्नीशियन संविदा के पद पर की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रुचि की अभिव्यक्ति के अंतर्गत 586 कर्मचारी कार्यरत है। जिनका अनुबंध एक अप्रैल 2023 को निष्पादित किया गया था। जिसकी अवधि 31 मार्च 2024 को समाप्त हुई थी। लोकसभा चुनाव होने के कारण आचार संहिता लागू होने पर सेवाकर्ता इकाइयों के अनुबंध में मई 2024 तक की वृद्धि किए जाने का नीतिगत निर्णय लिया गया था। जिसके तहत सेवाकर्ता इकाइयों के कार्यादेश की अवधि में दो माह अर्थात मई 2024 तक वृद्धि करने का आदेश पारित किया गया था। याचिका के अनुसार उन सभी लोगों ने जून 2024 तक कुशलतापूर्वक कार्य किया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला 

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए कहा है कि किसी भी संविदा कर्मचारी अथवा अस्थाई कर्मचारी को उन्हीं की जगह अन्य अस्थाई कर्मचारी रखने की शर्त पर कार्यमुक्त नहीं किया जा सकता। नियमित कर्मचारी नियुक्त किए जाने की स्थिति में ही हटाया जा सकता है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। जस्टिस राजपूत ने छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण द्वारा टेक्नीशियन के पद पर भर्ती के लिए जारी विज्ञापन पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

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