राजनांदगांव- छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के लालबाग थाना क्षेत्र में ग्राम तिलईरवार स्थित ओपन फायरिंग की गई है। जहां पर विस्फोटक फटने की वजह से 10 साल के बच्चे के हाथ के चिथड़े उड़ गए। जब उसे घायल अवस्था में मेडिलक कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचाया गया तो डॉक्टिरों ने कहीं ओर के लिए रिफर कर दिया। जिसके बाद उसे किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से भी बेहतर इलाज के नाम पर राजधानी रायपुर रेफर कर दिया गया है। 

पिता ने क्या बताया

बच्चे के पिता ने बताया कि, मैं हर रोज की तरह काम कर रहा था। अचानक मेरे पास फोन आया तो पता चला कि, मेरे बच्चा बुरी तरह से घायल हो गया है। इसके बाद में मेडिलक कॉलेज हॉस्पिटल गया तो पता चला कि, यहां पर डॉक्टर नहीं है। इसलिए मुझे एक प्राइवेट अस्पताल में अपने बच्चे के इलाज के लिए आना पड़ा...साथ ही उन्होंने कहा कि, फायरिंग की अभ्यास करने वालों की गलती है, बम या कोई भी चीज इस तरह से छोड़कर नहीं जानी चाहिए। 

कारतूस के खाली खोखे छोड़कर चले गए

बता दें, ग्राम तिलईरवार में पुलिस का ओपन फायरिंग रेंज है। यहां पर कई बार जवान फायरिंग की प्रेक्टिस करते हैं। रोज की तरह बालाघाट से पहुंची सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवानों ने फायरिंग का अभ्यास किया और कारतूस के खाली खोखे छोड़कर चले गए। फायरिंग के बाद गांव के कुछ बच्चे कारतूस के खाली खोखे बिनने के लिए पहुंचे थे। इसी बीच विस्फोट हुआ तो बच्चे के हाथ में फट गया...

ग्रामीणों में आक्रोश 

इस भयानक घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश दिखा जा रहा है। उनका कहना है कि, फायरिंग रेंज गांव के पास ही है, जिसे जल्द से जल्द हटा दिया जाए। उनका कहना है कि, पुलिस के जवान फायरिंग के बाद खाली खोखे और विस्फोटक सामग्री वहीं छोड़कर चले जाते हैं। इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं। इसलिए इस मामले की जांच की जाए। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने कहा कि, जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।