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निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में कितने छात्रों ने प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है।इसके अलावा आरटीई संबंधित अन्य बिंदुओं को गंभीरतापूर्वक लागू करने कहा गया है।

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टर को खत लिखकर उन बच्चों की पड़ताल करने कहा गया है, जो आरटीई के अंतर्गत महंगे निजी स्कूलों में दाखिला प्राप्त करने के बाद पढ़ाई छोड़ रहे हैं। जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि उनके जिले में संचालित सभी प्राचार्य अथवा शाला प्रबंधक की बैठक 10 दिनों के भीतर बुलाई जाए।

इसमें यह समीक्षा की जाएगी कि निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में कितने छात्रों ने प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। इसके अलावा आरटीई संबंधित अन्य बिंदुओं को गंभीरतापूर्वक लागू करने कहा गया है। गरीब छात्रों द्वारा महंगे निजी स्कूलों में पढ़ाई नियमित रूप से जारी नहीं रखे जाने के कारणों का भी पता लगाने कहा गया है। कलेक्टर से कहा गया है कि वे इस बात की जांच करें  कि कहीं छात्रों द्वारा स्कूल छोड़ने का कारण निजी स्कूलों द्वारा लागू की जाने वाली महंगी फीस अथवा यूनिफॉर्म तो नहीं है? इसके अलावा निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्रों के साथ व्यवहार को भी जांचने कहा गया है। इस पहलू पर भी विचार करने कहा गया है कि छात्रों द्वारा स्कूल छोड़े जाने का कारण कहीं उनके साथ हो रहा असमानता का व्यवहार तो नहीं है। 

होगी त्रैमासिक बैठक 

समीक्षा के लिए त्रैमासिक बैठक ली जाएगी। इसने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कहा गया है कि कई ऐसे मामले सामने आए है. जिसमें छात्र द्वारा स्कूल छोड़ दिया जाता है, लेकिन विद्यालय उनकी एंट्री स्कूलों में दिखाकर उनके नाम से फीस ले रहे हैं। ऐसे स्कूलों की भी जांच करने कहा गया है। यदि किसी छात्र द्वारा स्कूल छोड़ दिया जाता है तो प्रबंधन को उनकी एंट्री ड्रॉप आउट स्टूडेंट के रूप में करनी होगी। प्रतिवर्ष कम से कम दो बारे आरटीई छात्रों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। 

20 मई से निकलेगी लॉटरी

आरटीई के अंतर्गत पहले चरण की आवेदन प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। पहले चरण की लॉटरी 20 मई से 30 मई तक निकाली जाएगी। इसमें जिन छात्रों के नाम होंगे , उन्हें 1 से 30 जून तक प्रवेश लेना  होगा। इसके बाद दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। प्रदेश में 52 हजार 782 सीटों के लिए अब तक 74 हजार 132 आवेदन मिले हैं। स्कूलों के प्रोफाइल अपडेट सहित अन्य प्रक्रिया एक फरवरी से प्रारंभ हो गई थी। 

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