बीजापुर। छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान में एक मात्र बस्तर सीट पर चुनाव होना है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चुनाव कराना आयोग के लिए बड़ी चुनौती है। यहां 19 अप्रैल को मतदान होना है। इसके लिए आज से मतदान दलों को केंद्रों में भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। बस्तर के अंदरूनी इलाकों में हेलीकॉप्टर से 75 केंद्रों में मतदान दल भेजे जा रहे हैं। सुरक्षा कारणों से तीन दिन पहले ही मतदान दलों को केंद्रों में भेजा जा रहा है।
बस्तर में मतदान को लेकर राजधानी स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में राज्य के उप निर्वाचन पदाधिकारी शैलाभ साहू ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है इसलिए चुनाव आयोग ने यहां 2 एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की है। जो किसी भी अप्रिय स्थिति में तत्काल चुनाव कार्य में लगे कर्मचारियों और फोर्स के लिए मौजूद रहेगी।
नारायणपुर में मतदान कराने उतरी पैरामिलिट्री फोर्स
वहीं नारायणपुर जिले में फोर्स गणित और भूगोल समझकर जंगल में उतरी। वहां पहुंचने से पहले पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने आत्मसमर्पित नक्सलियों से जानकारी ली। अतिसंवेदनशील क्षेत्र में वोटिंग कराने के लिए हेलीकॉप्टर से 33 दल रवाना होंगे। सोनपुर, छोटेबेठिया, कोयलीड़ा, धनोरा, आकाबेड़ा, ओरछा, कोहकामेटा और कन्हारगांव की टीम शामिल है।
अतिरिक्त फोर्स की गई है तैनाती
चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, बस्तर में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान दलों की रवानगी होगी। मतदान केंद्रों के आसपास पहले से सर्चिंग चल रही है। चुनाव के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती भी की गई है। बस्तर के कई हिस्सों में मतदान दलों को हेलिकॉप्टर से पहुंचाया जाएगा।
वाहनों में लगाई गई है जीपीएस डिवाइस
लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए प्रथम चरण में 159 मतदान केंद्र और द्वितीय चरण के कुल 112 मतदान केंद्र संवेदनशील इलाकों में हैं। पहले चरण के लिए 69 रनर और द्वितीय चरण के लिए 132 रनर की व्यवस्था की गई है। सेक्टर आफिसर और ईवीएम, वीवीपैट के परिवहन के लिए कुल 11644 वाहनों में जीपीएस लगाए जा रहे हैं। अब तक पहले चरण के 6 जिलों के 1021 वाहनों में से 274 वाहनों में जीपीएस डिवाइस लगाई जा चुकी है।