यशवंत गंजीर- कुरुद। धमतरी जिले के धान संग्रहण केंद्र भाठागांव में स्टेक (धान के बोरों को जमाकर रखने की प्रक्रिया) नहीं बन पाने की वजह से शासन-प्रशासन के आधे-अधूरे व्यवस्था की पोल खुल गई है। धान खाली करने के लिए बीते 9 दिनों से नेशनल हाइवे 30 पर करीब डेढ़ किलोमीटर तक धान की बोरियों से लदे 200 ट्रकों की लाइने लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि, संग्रहण केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में भूसा, खाली बोरी न होने से यह स्थिति बनी है। इसके बिना धान रखने के लिए स्टेक नहीं बन पा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य में खरीदे गए धान को अनलोडिंग करने विभिन्न जिलों से भाठागांव संग्रहण केंद्र पहुंचे सैंकड़ो ट्रक नौ दिनों से नेशनल हाईवे पर खड़े हैं। जिससे न केवल दुर्घटना हो रही है, बल्कि चालकों और उसके हेल्परों को खाने, पीने के लाले पड़ गए हैं। ट्रकों से धान की बोरियां तक चोरी हो रही हैं। इस गम्भीर समस्या को सुलझाने न तो मार्कफेड के अधिकारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं और न ही सम्बंधित भूंसा उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार। इस स्थिति में वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है।
ट्रक चालकों और हेल्परों को हो रही है परेशानी
धान भंडारण केंद्र में उपज खाली नही होने से नौ दिनों से सड़कों में दिन रात गुजार रहे सैंकड़ो ट्रक चालकों और हेल्परों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि वे लोग पिछले 9 दिनों से भाठागांव धान संग्रहन केंद्र में डेढ़ से दो सौ किलोमीटर की दूरी से सरकार द्वारा खरीदे गए उपज को लेकर भण्डारण के लिए यहां लेकर आए हैं। लेकिन स्टेकिंग नहीं होने से उनके ट्रकों में भरे धान को खाली नही कराया जा रहा है।जिससे घर परिवार छोड़कर सड़को में ही रात गुजारनी पड़ रही है। राशन पानी के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऊपर से रात के अंधेरे में ट्रकों में भरी धान की बोरियों की चोरी हो रही है।
अन्य जिलों के विभिन्न उपार्जन केंद्रों से लाया जा रहा धान
भाठागांव भंडारण केंद्र में चार जिलों राजनांदगांव, कांकेर, अम्बागढ़ चौकी और मोहला मानपुर के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के कापसी,बांदे,पखांजूर, भानुप्रतापपुर, बड़गांव, धनोरा केशकाल, बेड़मा,कोयलीबेड़ा, उदनपुर, सम्बलपुर में बनाए गए सोसायटियों के धान खरीदी केंद्रों से कस्टम मिलिंग के लिए शासन के निर्देश पर उपज को लेकर भण्डारण करने यहां लाया जा रहा है।जिसे खाली करने जिला के मार्कफ़्रेड ने समुचित व्यवस्था नही कर पाया है।जिससे यह स्थिति निर्मित हुई है।
स्टेकिंग के लिए भूसा व हमाल-मजदूरों का भुगतान नहीं
भाठागांव संग्रहण केंद्र के प्रभारी शिवकुमार ध्रुव ने बताया कि भुंसे की अभाव में स्टेकिंग नही हो रहा है। मार्कफ़्रेड के अधिकारियों एवं भूंसा उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार को कई बार अवगत करा चुके हैं।किंतु समस्या ज्यों का त्यों बनी हुई है।हमाल ठेकेदार दशरथ साहू ने बताया कि अगर भूंसा की व्यवस्था हो भी जाएगी तो भी ट्रक खाली और स्टेकिंग करने वाले रेजा-हमाल काम नही करेंगे। हमालों का 7 लाख 50 हजार रुपए और रेजाओं का 1 लाख 42 हजार रुपये भुगतान बकाया है।जिसका हमाली ठेकेदार कुरूद के हर्षित अग्रवाल हैं। वहीं भूंसा ठेकेदार गुंडरदेही के राजेन्द्र जैन है जिन्होंने यह भुगतान नही किया है। जिसका खामियाजा हमालों, रेजा, ट्रक चालकों, हेल्परों को भुगतना पड़ रहा है।
भोयना और चिटौद केंद्रों में भंडारण हुआ पूरा
बता दें कि, राज्य सरकार धान की कस्टम मिलिंग हेतु छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित शाखा रायपुर के द्वारा धमतरी जिला में निर्धारित भोयना, भाठागांव और समीपस्थ चिटौद पुरूर धान संग्रहन केंद्रों में भंडारण किया जा रहा है। जिसमें भोयना और चिटौद केंद्रों में भंडारण पूरा हो चुका है। अब भाठागांव स्थित केंद्र क्रमांक 1 के बाद बगौद रोड में फड़ क्रमांक 2 में भंडारण किया जा रहा है। लेकिन हप्तेभर से धान खाली नही हो रहा है।
साहब बोले- सब ठीक है, काम चल रहा है
वहीं इस संबंध में सुनील सिंह राजपूत, डीएमओ भाठागांव ने कहा है कि, संग्रहण केंद्र में धान अनलोडिंग के लिए चार जिलों के उपार्जन केंद्रों से एक साथ 200 ट्रक आ गए हैं, इसलिए लंबी लाइनें दिख रही हैं। दो दिन शासकीय अवकाश होने के कारण स्टैकिंग व अनलोडिंग का काम नहीं हुआ जिसे मंगलवार से शुरू करवा दिया गया है। प्रतिदिन 50 गाड़ी अनलोडिंग की क्षमता है, जिसके लिए पर्याप्त स्टैकिंग है। रही बात हमाल-रेजा, मजदूरों की भुगतान की तो दो दिन के भीतर वह भी हो जायेगा। अव्यवस्था जैसी आलम की स्थिति हम पैदा नहीं होने देंगे।