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भूकंप के झटके की तीव्रता का अनुमान नहीं लग सका है. कुछ सेकंड के लिए आए भूकंप के झटके से शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत देखी जा रही है।

जगदलपुर। बुधवार रात लगभग 8 बजे शहर में भूकंप की दहशत से लोग घरों से बाहर निकल गए। यह झटके शहर के पथरागुड़ा, निर्मल विद्यालय क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र आड़ावाल व नियानार में भी महसूस किए गए। पथरागुड़ा इलाके में सड़क के किनारे जमीन खिसकने से कार के भी धंसने की खबर है। बताया जा रहा है कि रात लगभग 8 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि भूकंप की तीव्रता कितनी थी, इसका पता नहीं लग सका है।

नियानार व आड़ावाल में भी भूकंप के झटके

अचानक कई घरों के बर्तन, वाटर फिल्टर हिलते हुए गिरने लगे। लोग घबरा गए और घरों से बाहर निकल गए। वहीं शहर से लगभग 11 किमी दूर ग्रामीण क्षेत्र नियानार व आड़ावाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बहरहाल भूकंप के झटके की तीव्रता का अनुमान नहीं लग सका है. कुछ सेकंड के लिए आए भूकंप के झटके से शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत देखी जा रही है।

लोगों ने किये झटके महसूस, 3.1 की तीव्रता से धरती कांपी 

वहीं कुछ महीने पहले बिलासपुर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रविवार दोपहर दो बजकर 18 मिनट पर यह भूकंप आया है। रिक्टर स्केल पर 3.1 की तीव्रता का भूकंप आने की जानकारी दी गई है। भूकंप आने की जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से दी गई है। हालांकि भूकंप से किसी तरह के नुकसान होने की कोई जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है। 

राजधानी रायपुर से 152 किलोमीटर दूर था भूकंप का केंद्र

रविवार की दोपहर जब भूकंप के झटके लोगों को महसूस हुए तो लोग सन्न रह गए और घरों से बाहर आने लगे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 152 किलोमीटर दूर ही था। वहीं इंडस्ट्रीयल सिटी भिलाई भी भूकंप के केंद्र से महज 169 किलोमीटर ही दूर थी।

छत्तीसगढ़ से कुछ मिनटों पहले लद्दाख में आया भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के की जानकारी के मुताबिक, रविवार के दिन भारत के किसी राज्य में ये दूसरा भूकंप था। छत्तीसगढ़ से चंद मिनटों पहले लेह लद्दाख में भी भूकंप के झटके लोगों द्वारा महसूस किए गए थे। लेह में दोपहर 1 बजकर 49 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता भी 3.1 ही मापी गई थी।

क्यों आते हैं भूकंप ?

धरती की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार हिलती रहती हैं। जब इन प्लेट्स के बीच में टकराव होता है तो घर्षण से एनर्जी पैदा होती है। ये एनर्जी ही भूकंप के झटकों के रूप में धरती की सतह के ऊपर तक आती है। इसी कंपन को भूकंप कहा जाता है। 

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