नौशाद अहमद- सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के किसान बे मौसम बारिश के कारण अपनी फसल को लेकर चिंतित है। वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी समस्या हाथी है, जो तैयार हो रहे फसलों को खाकर बर्बाद कर रहे हैं। किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर हाथियों से संघर्ष कर रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि, इन सब को देखते हुए भी वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। 

प्रतापपुर में कई महीनों के मेहनत और परिश्रम के बाद किसान अपनी धान की फसल की काटने की तैयारी कर रहे है। ऐसे में इस तरह से अपनी आंखों के सामने फसल को हाथियों को खाते और बर्बाद करते देखकर किसानों के सामने कोई विकल्प नहीं है। फसलों को बचाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर खुद हाथियों को भगाने में मजबूर है। कई बार इसी चक्कर में ग्रामीण अपनी जान भी गंवा चुके है। फिर भी है अपनी फ़सल को बचाने के लिए इन्हें ऐसा करना पड़ रहा है।

हाथियों के उत्पात से परेशान है किसान 

प्रतापपुर का नाम आते ही हाथी उससे जुड़ जाता है जिस तरह से हाथियों का उत्पात सालभर इस क्षेत्र में बना रहता है। अब यह समस्या विकराल रूप लेते जा रहा है। हाथी किसानों के लिए किसी डरावना सपना से काम नहीं है। हाथी लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनती बड़ी समस्या के बाद भी वन विभाग के पास कोई भी ठोस प्लान नहीं है। आए दिन इस इलाके में हाथियों और किसानों के बीच संघर्ष देखने को मिलते रहता है। 

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वन विभाग हाथियों के उत्पात को रोकने में नाकाम 

शिव भजन मरावी ने कहा कि, शासन- प्रशासन की लापरवाही के कारण हमारे किसान बर्बाद हो रहे हैं। लोग डर के में जीने को मजबूर हैं, ऐसे में अगर कोई ठोस पहल देखने को नहीं मिलती है तो हम आंदोलन करेंगे। लगातार इस मुद्दे को लेकर कई बार मैंने आंदोलन किया है, पर आज तक कोई ठोस प्लान नहीं बना है ।