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गरियाबंद के वन क्षेत्र और आसपास के इलाके में रहने वाले लोग हाथियों की आमद से दहशत में हैं। 

हसन खान/मैनपुर। गरियाबंद के वन क्षेत्र और आसपास के इलाके में रहने वाले लोग हाथियों की आमद से दहशत में हैं। हालत यह है कि अपनी जान बचाने के लिए यहां के रहवासी प्रधानमंत्री आवास पर टेंट बनाकर रात गुजार रहे हैं। यहां हाथियों के दल द्वारा ग्रामीणों के कच्चे मकानों को तोड़फोड़ कर तहस-नहस किया जा रहा है। वहीं मकान के भीतर रखें राशन सामग्री और अन्य सामग्रियों को सफा चट रहे हैं। गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक अंतर्गत दूरस्थ वनांचल में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास यहां रहने वालों के लिए राहत दे रहा है। 

हरिभूमि की टीम ने हाथी प्रभावित ग्राम दबनई, फरसरा, छिन्दौला, लुठापारा, खोलापारा, कुहलीबेड़ा, लेड़ीबहार, रामपारा सिंहार, जिड़ार, गिरहोला, दर्रीपारा, आमागुड़ा, देहारगुड़ ग्रामों का मुआयना किया। मुआयने के दौरान पाया गया कि हाथियों का दल इन गांवों के भीतर लगातार प्रवेश कर यह एक और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं दूसरी और मकान को तोड़फोड़ कर रहा है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री आवास के ऊपर मचान बनाकर ग्रामीण अपनी जान की सुरक्षा कर रहे हैं। 

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कोयलीबेड़ा के ग्रामीण पेड़ पर चढ़ते है 

मैनपुर क्षेत्र के ग्राम कोयलीबेड़ा में तीन चार घर के ग्रामीण निवास करते हैं, जो झोपड़‌यों में रहते है। इस ग्राम में एक सप्ताह के भीतर तीन बार हाथियों ने दबिश दिया है। जिसके कारण ग्रामीण जान बचाने के लिए शाम होते ही पेड़ पर मचान बनाकर रात बिताने मजबूर हो रहे हैं। गांव में लगाए गए सायरन खराब : हाथियों के बचाव के लिए और गांव में हाथी प्रवेश करने पर खदेड़ने के लिए वन विभाग द्वारा क्षेत्र के कई गांव में सायरन लगाया गया है, लेकिन ग्राम लुठापारा के सायरन पिछले एक वर्ष से खराब है। अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है, ग्रामीणों ने बताया धान की फसल तैयार हो गई है और ऐसे समय में हाथियों के द्वारा पूरी फसल को चौपट किया जा रहा है।

विधायक जनक ध्रुव ने कहा, वनमंत्री से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराएंगे 

बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव ने कहा मैनपुर क्षेत्र के कई ग्रामों में लगातार हाथियों का दल किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। वन विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए कि तत्काल किसानों को मुआवजा दे। हाथी प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों को जरूरी संसाधन सुरक्षा के लिए जैसे टार्च, मशाल, मिट्टी तेल तत्काल उपलब्ध कराया जाए। वनमंत्री केदार कश्यप से मुलाकात कर हाथी प्रभावित ग्रामों में ग्रामीणों को मुआवजा और जरूरी संसाधन तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की जाएगी।

15 दिनों से आतंक

हाथियों के दल द्वारा मैनपुर वनपरिक्षेत्र के ग्रामों में पिछले कुछ दिनों से जमकर आतंक मचाया जा रहा है। 15 दिनों के भीतर सैकड़ों एकड़ धान और मक्के के साथ दलहन-तिलहन की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया गया है। साथ ही किसानों के खेतों में बनाए गए लारियों को तोड़फोड़ किया गया है। त्योहारी सीजन में हाथियों के आतंक से ग्रामीणों में दहशत देखने को मिल रही है।

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पूरी रात कर रहे रतजगा

ग्रामीण इलाकों में हाथियों की दहशत के चलते सुरक्षा के लिए कई लोग जहां एक ओर पेड़ पर मचान बनाकर रात बिताने के लिए मजबूर हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर दर्जन भर से ज्यादा ग्रामों में प्रधानमंत्री आवासों के ऊपर इन दिनों कपड़ा और पॉलीथिन से मचान बनाया गया है, जहां ग्रामीण अपने छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ शाम होते ही पक्के मकानों के छतों पर चले जाते हैं और पूरी-रात रतजगा करते दिखाई दे रहे है।

युवा करते हैं चौकीदारी, हाथियों को देखते ही कर रहे सचेत 

हाथी प्रभावित ग्राम लुठापारा, खोलापारा छिन्दौला, लेड़ीबहार, सिंहार के ग्रामीण रामसिंह कमार, मंगलु राम कमार, मंगतीन बाई, बिसाहीन, चैतुराम, भरत ने बताया कि हाथियों का दल 15-20 दिनों से मैनपुर कांटादोना जंगल नदी में डेरा डाल दिया है। हाथियों के दल में 40-50 की संख्या है, यह दल शाम होते ही अचानक किसी भी गांव में पहुंच रहे हैं। गांव के युवा दोपहर के बाद गांव की सीमा में चौकीदारी करते रहते है। जैसे ही हाथी गांव के तरफ आते दिखाई देता है, इसकी सूचना ग्रामीणों को मिलते ही सभी ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास के छतों पर अपने बाल बच्चों एवं बुजुर्गों को लेकर चढ़ जाते है। साथ ही आवास में असानी से चढ़ सकें, इसलिए लकड़ी की सीढ़‌यों का निर्माण किया गया है।

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