रायपुर। 16वें वित्त आयोग की टीम छत्तीसगढ़ दौरे पर है। टीम ने यहां सरकार के साथ ही विभिन्न औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों से भी मुलाकत की। इसी कड़ी में टीम ने गुरुवार की देर रात रायपुर स्थित विशिष्ट नालंदा लाइब्रेरी का अवलोकन किया। यहां मौजूद अत्याधुनिक सुविधाओं को देखकर टीम के सदस्य ताली बजाने पर मजबूर हो गए। उनके साथ प्रदेश के वित्तमंत्री और इस लाइब्रेरी के परिकल्पनाकार ओपी चौधरी भी थे।
बता दें कि, इस दौरान पनगढ़िया के साथ डॉ. सौम्यकांति घोष, एन्नी जार्च मैथ्यू, वित्त आयोग के सचिव रित्विक पांडे भी मौजूद रहे। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह और अन्य अधिकारियों ने गुलाब फूल और विवेकानंद साहित्य देकर उनका स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने लाइब्रेरी की कार्य प्रणाली, विद्यार्थियों के बैठने, पुस्तक इशू करने, प्रवेश प्रक्रिया, शुल्क और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली।
पनगढ़िया ने नालंदा परिसर की सराहना की
पनगढ़िया ने नालंदा परिसर की सराहना करते हुए कहा कि, नालंदा परिसर की लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण है। इस वातारवरण में विद्यार्थी इतनी तन्मयता से निश्चिंत होकर पढ़ाई कर रहें हैं। यहां पर उनके लिए तरह-तरह की व्यवस्थाएं हैं, जिससे उन्हें लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि, ऐसा मॉडल अन्य जगहों पर भी लागू करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने अध्ययनरत् विद्यार्थियों से बात की। विद्यार्थोयों ने उनसे आयोग के बारे में पूछा। पनगढ़िया और अन्य सदस्यों ने वित्त आयोग की कार्य प्रणाली के बारे में बताया।
वित्त मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को दी लाइब्रेरी की जानकारी
वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी ने आयोग के सदस्यों को बताया कि, यहां पर सदस्यता के लिए 500 रुपए शुल्क है। विद्यार्थियों की मांग के आधार पर समय-समय पर पुस्तकों की खरीदी की जाती है। जिस किताब की मांग ज्यादा हो, उस किताब को ज्यादा संख्या में खरीदी जाती है। विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी 24*7 खुला रहता है। लाइब्रेरी के बाहर भी बैठने की व्यवस्था की गई है। चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल को लाइब्रेरी के ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और रूफ टॉप का भी अवलोकन कराया। उन्होंने बताया कि, यहां पर लंबी वेटिंग होने के कारण भविष्य में रूफ टॉप में बैठने की व्यवस्था कराई जाएगी।
यहां लागू है आरएफआईडी की व्यवस्था
अन्य अधिकारियों ने बताया कि, लाइब्रेरी में आरएफआईडी की व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के अंतर्गत आईडी कार्ड में चिप लगाया गया है। पुस्तक इशू करते समय चिप आईडी स्कैन किया जाता है। बिना ईशू कराए किताब ले जाने पर सिग्नल बजता है, जिससे प्रबंधन को जानकारी मिलती है। अधिकारियों ने इसका प्रैक्टिकल करके दिखाया, जिस पर प्रतिनिधिमंडल ने खुशी जताई।