Logo
गो सेवक ने अपने जन्मदिन पर गायों को दावत दी। मनोहर गौशाला में 2000 किलो फल-सब्जियों को रंगोली की तरह सजाया और फिर गायों को खिलाया।

रायपुर। खैरागढ़ जिले में गो सेवक ने अपने जन्मदिन पर गायों को दावत दी। मनोहर गो शाला में 2000 किलो फल-सब्जियों को रंगोली की तरह सजाया गया। इसमें 9 घंटे का समय लगा। इसके बाद गायों को विशेष फल और सलाद की अनोखी दावत दी गई। इसका वीडियो भी सामने आया है। 

युवा कारोबारी चमन डाकलिया ने अपने जन्मदिन पर गो सेवा करने का मैसेज दिया। वह गायों के लिए पिकअप-ट्रक में फल और सब्जी लादकर लाया। फिर इन्हें रंगोली की तरह सजाया। लगभग 200 गायों ने इसे खाया। इसमें करीब एक लाख रुपए का खर्चा हुआ। 

Rangoli of vegetables
सब्जियों की रंगोली

100 रोटियों से की थी गायों को दावत देने की शुरुआत 

चमन ने बताया कि, वह पिछले 9 साल से ऐसा कर रहा है। उसने 100 रोटियों से इसकी शरुआत की। फिर कभी गुड़ की रोटी, कभी लापसी, ड्राई फ्रूट्स आदि की दावत गायों को दी। चमन ने बताया कि, वह मनोहर गो शाला की शुरुआत करने वाला पदम डाकलिया उसके इंस्पीरेशन हैं। 

यहां स्थित है कामधेनु मंदिर 

खैरागढ़ में एक अनोखा कामधेनु मंदिर है, जहां पर एक गाय है जिसका नाम है सौम्या। सौम्या का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। क्योंकि इस गाय की पूंछ 54 इंच लंबी है। दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। 

इसे भी पढ़ें : संवरने लगी बस्तर वासियों की जिंदगी : सुरक्षा और विकास पहुंचने से गांवों में लौटी रौनक

सौम्या को मानते हैं कामधेनु गाय

गो शाला संचालक पदम डाकलिया ने बताया कि, शास्त्रों में समुद्र मंथन का जिक्र है। मंथन के दौरान जो गाय निकली थी वह कामधेनु ही थी। सौम्या गाय के शरीर पर देवी-देवताओं के कुछ प्रतीक चिन्ह हैं इसी वजह से लोग इसे कामधेनु गाय मानते हैं। इनके पास लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर भी आते हैं। पदम इस गो शाला में गोबर और  गो मूत्र के मेडिसिन वैल्यू पर रिसर्च कर प्रोडक्ट भी तैयार कर रहे हैं। 

5379487