Logo
ऐतिहासिक बस्तर दशहरे पर्व के बाद दूसरा बड़ा पर्व गोंचा महापर्व की शुरुआत कल से शुरू होने जा रही है। पिछले 600 सालों से चली आ रही इस परंपरा को बस्तर वासी आज भी निभाते आ रहे हैं।

जीवानंद हलधर-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में ऐतिहासिक बस्तर दशहरे पर्व के बाद दूसरा बड़ा पर्व गोंचा महापर्व की शुरुआत कल से शुरू होने जा रही है। शनिवार को गोंचा महापर्व के पदाधिकारियों ने पर्व की तैयारियों को लेकर जानकारी दी। गोंचा पर्व में शामिल होने के लिए सीएम विष्णुदेव साय को भी निमंत्रण दिया गया है। 

पदाधिकारियों ने बताया कि, 360 आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा हर साल गोंचा महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष भी महापर्व को मनाने को लेकर तैयारियां पूरी  कर  ली गई है। चंदन यात्रा से शुरुआत बाहूडा गोंचा तक सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चूंकि भगवान अभी अनसर काल में है और कल नेत्रोउत्सव के बाद प्रभु जगन्नाथ सभी भक्त को दर्शन देने 7 जुलाई को शहर भ्रमण करेंगे। वहीं बस्तर गोंचा पर्व में शामिल होने के लिए समिति की ओर से सीएम विष्णु देव साय भी निमंत्रण दिया गया है। 

600 सालों से चली आ रही है यह परंपरा 

पदाधिकारियों ने बताया कि, बस्तर में गोंचा पर्व को धूमधाम से मनाया जाता हैं। लगभग 600 सालों से चली आ रही इस परंपरा को बस्तर वासी निभाते आ रहे हैं। इस पर्व का मुख्य आकर्षण बांस नुमा तुपकी होता है और पेंग के माध्यम से भगवान जगन्नाथ को सलामी दी जाती है। जो केवल बस्तर में ही देखने को मिलता है। इस बार भी दूसरे राज्यों से आने वाले भक्तों के लिए खास इंतजाम किया गया है।

5379487