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बेमेतरा में पति-पत्नी के सम्बन्धों में खटास के बाद पति ने हाईकोर्ट मे याचिका दायर कर तलाक की गुहार लगाई थी।वकीलों के तर्क को सुनने के बाद डीविजन बेंच ने पति को तलाक की अनुमति दे दी है।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी के बीच में खटास के बाद पति ने हाई कोर्ट में तलाक की गुहार लगाई थी। दायर याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों के तर्क को सुनने के बाद डीविजन बेंच ने पति को तलाक की अनुमति दे दी है। तलाक की याचिका को स्वीकार करते हुए डीविजन बेंच ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि, एक ही छत के नीचे साथ रहने के बावजूद बिना किसी कारण के पत्नी द्वारा अलग कमरे में सोना पति के प्रति मानसिक क्रूरता है।

दरअसल यह मामला बेमेतरा का है। शादी के बाद पति-पत्नी के बीच खटास आने के बाद पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तलाक की गुहार लगाई थी। जिसके बाद जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की बेंच ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि,एक ही घर में साथ रहने के बावजूद बिना किसी बड़े कारण के पत्नी के द्वारा अलग कमरे में सोना पति के प्रति मानसिक क्रूरता माना जाएगा। डीविजन बेंच ने बेमेतरा के फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

पत्नी ने शारीरिक संबंध बनाने से किया था इनकार 

बेमेतरा निवासी पुरुष और महिला की शादी अप्रैल 2021 में दुर्ग में हुई थी। पत्नी ने शादी के बाद  विवाद किया और पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया कि, उसका किसी अन्य महिला से संबंध है। पति और घर वालों के समझाने के बाद भी महिला राजी हो गई थी। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर विवाद शुरू कर दिया। इस दौरान उसने पति के साथ रहने से इनकार कर दिया। इस पर परिजनों ने सामाजिक बैठक बुलाई। बैठक में कोई हल नहीं निकला और मनमुटाव के चलते पति पत्नी एक ही छत के नीचे अलग-अलग कमरों में रहने लगे। पति पत्नी के बीच विवाद को सुलझाने के लिए घर वालों ने कई बार बैठकें बुलाई। आखिर में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए और जनवरी 2022 से दोनों साथ रहने लगे। लेकिन पत्नी यहां भी अलग कमरे में सोती थी। पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन नहीं गुजारने के कारण मानसिक रूप से परेशान होकर पति ने तलाक की अर्जी फैमिली कोर्ट में मामला दायर किया।

हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका को किया ख़ारिज 

पत्नी ने अपने बयान में आरोपों से इनकार किया और पति का मामला खारिज करने की मांग की। पत्नी ने कोर्ट को बताया कि शादी की रात उनके शारीरिक संबंध बने। शादी के बाद अक्टूबर 2021 तक वह और उसके पति ने अच्छे से शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन बिताया। आगे उसने कहा कि, उसने पति को कहा था कि उसे ममेरी बहन के साथ पति का व्यवहार पसंद नहीं आया। पति ने कहा है कि पत्नी को उसकी भाभी के साथ भी उसके संबंधों पर संदेह था।  मामले की सुनवाई के बाद फैमिली कोर्ट ने पति की याचिका को स्वीकार करते हुए तलाक की को मंजूरी दे  दी थी। फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। सुनवाई के बाद डीविजन बेंच ने महत्वपूर्ण टिप्पणी के साथ पत्नी की याचिका खारिज कर दी है।
 

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