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जब अधिकारी बास्तानार ब्लाक के बिरचेपाल छात्रावास पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। न तो छात्रावास में बच्चे ही मिले और न ही उनको दी जाने वाली सुविधाएं। 

जीवानंद हलधर-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में संचालित छात्रावासों में शासन की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि और छात्रावास में बच्चों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं में जिम्मेदार अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं। उच्च अधिकारियों की जांच के दौरान एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है। यह मामला बस्तानार ब्लाक के बिरचेपाल छात्रावास का है। 

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हॉस्टल, जगदलपुर

दरअसल, बस्तर कलेक्टर ने बस्तानार ब्लाक के बिरचेपाल छात्रावास में सहायक आयुक्त को टीम गठित कर जांच के आदेश दिए। मौके पर पहुंचे तो अधिकारियों के होश उड़ गए। छात्रावास में 50 बच्चों के नाम दर्ज हैं लेकिन वहां पर एक भी बच्चा नहीं था। न ही उनको मिलने वाली सुविधाएं ही वहां पर दिखीं। कमरों में बेड नहींं थे। एक-आध थे भी तो उनमें गद्दे फटे हुए मिले। उसपर फंके भी टूटकर गिरे हुए थे। 

मामला गबन से जुड़ा 

जब इस मामले में छात्रावास अधीक्षक और मंडल संयोजक से पूछताछ की गई तो मामला गबन से जुड़ा पाया गया। पता चला कि, छात्रावास में न ही कैशबुक है और न ही बाउचर। इसके अलावा अन्य दस्तावेज भी नदारद मिले। जबकि, अधीक्षक और मंडल संयोजक लगातार फर्जी डायरी मेंटेन की और 8 सालों तक करीब 36 लाख रुपयों का फर्जीवाड़ा किया। मामले का खुलासा होने और जांच के बाद अब प्रशासन इनसे रुपये वापस वसूलने की कार्रवाई कर रहा है। 

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