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वनाधिकार पट्टे की आड़ में अवैध कब्जा करने वालों की पहचान की जा रही है। इसके बाद अभियान चलाकर वनभूमि को कब्जामुक्त कराया जाएगा। 

रायपुर। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में वनाधिकार पट्टे की आड़ में वनभूमि पर बेजा कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी। इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर वरुण जैन का कहना है कि, वनाधिकार पट्टे की आड़ में अवैध कब्जा करने वालों की पहचान की जा रही है। इसके बाद अभियान चलाकर वनभूमि को कब्जामुक्त कराया जाएगा। गौरतलब है कि वनाधिकार पट्टे की आड़ में कब्जा की गई वनभूमि खाली कराने गए रेंजर तथा वनकर्मियों के साथ मारपीट की घटना को वन अफसरों ने गंभीरता से लेते हुए तोरेंगा तथा आसपास के एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 

वन अफसर के मुताबिक, रिमोट सेंसिंग पोर्टल के माध्यम से जंगल में कितना कब्जा किया गया है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इसी आधार पर तोरेंगा तथा आसपास के बफर जोन में वनाधिकार पट्टे की आड़ में वनभूमि पर बेजा कब्जा करने वालों के बारे में जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जा रही थी, इससे नाराज होकर कब्जा करने वालों ने वनकर्मियों पर हमला कर दिया। अफसर के अनुसार, हमलावरों की पहचान की जा चुकी है। जिन लोगों ने वनकर्मियों पर हमला किया है, उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। 

डेढ़ हजार एकड़ से ज्यादा वनभूमि मुक्त 

अफसर के अनुसार, पूर्व में जो लोग वनभूमि पर कब्जा कर मकान बनाकर रहने के साथ कृषि कार्य कर रहे थे। उन लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर 16 सौ एकड़ वनभूमि को मुक्त कराया गया है। मुक्त वनभूमि वर्तमान में वन विभाग के पास है। कब्जा मुक्त वनभूमि की निगरानी करने के साथ ही वहां पौधे लगाए जा रहे हैं। 

एक परिवार को चार हेक्टेयर वनभूमि

शासन के नियमानुसार वनाधाकिर पट्टा हासिल करने वाले पात्र लोगों को चार हेक्टेयर वनभूमि देने का प्रावधान है। अफसर के अनुसार, वनाधिकार पट्टा हासिल करने वाले कई ऐसे लोग हैं, जो निर्धारित जमीन से ज्यादा जमीन पर कब्जा करने पेड़ों की कटाई कर वनभूमि पर कब्जा कर कृषि कार्य कर रहे हैं।

पट्टों की करेंगे जांच

वन अफसरों को आशंका है कि, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में ओडिशा से आए ग्रामीणों के अलावा अन्य क्षेत्र से आकर लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से वनाधिकार पट्टा हासिल कर लिया है। वन अफसर फर्जी तरीके से वनाधिकार पट्टा हासिल करने वाले लोगों की पहचान के लिए उनके दस्तावेजों की जांच करने की बात कह रहे हैं। टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर के मुताबिक, जंगल में बेजा कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने पुलिस की मदद ली जाएगी, जिससे किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित होने से रोका जा सके।

 

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