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पलारी में हुई बारिश के बाद सोसायटी के बारदानों में भरा धान भीगकर खराब हो रहा है।  हरिभूमि डाट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से आज ही प्रकाशित किया। खबर प्रकाशन के बाद बलौदाबाजार कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 2 दिन में जवाब मांगा है। 

कुश अग्रवाल- पलारी। छत्तीसगढ़ पलारी में हुई बारिश के बाद जब धान खरीदी केंद्रों का जायजा लिया गया तो वहां सोसायटी के बारदानों में भरा धान खराब होकर सड़ रहा है। जिसके बाद हरिभूमि डाट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से छापा था। जिसके बाद बलौदा बाजार कलेक्टर के एल चौहान ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 2 दिनों के भीतर जवाब तलब करने के निर्देश दिए हैं। 

जारी नोटिस
जारी नोटिस

कलेक्टर श्री चौहान ने कहा कि समितियों को धान के सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए उन्हें शासन से निर्धारित राशि समय समय पर मुहैया भी कराई जाती है। फिर भी उनके द्वारा लापरवाही बरती गई है। साथ ही समय समय पर इन व्यवस्थाओं की निगरानी करना जिला नोडल अधिकारी का होता है। 

हरिभूमि द्वारा प्रकाशित खबर
हरिभूमि द्वारा प्रकाशित खबर

बारिश से भीगा धान, जड़ आना हुआ शुरू 

उल्लेखनीय है कि, बीती रात पलारी अंचल में हुई बारिश के बाद जब धान खरीदी केंद्रों का जायजा लिया गया तो यहां अव्यवस्था का आलम साफ दिखाई दिया। बारिश से न सिर्फ धान भीग गया है, बल्कि धान खराब हो रहा है। सोसायटी के बारदानों में भरा धान खराब होकर सड़ रहा है। 

घटिया क्वालिटी के कैप कवर की हुई खरीदी

वहीं अगर प्लास्टिक के कैप कवर की बात करें तो सोसाइटियों में प्रभारियों के द्वारा घटिया क्वालिटी के कैप कवर की खरीदी की गई है। जिससे आंधी और बारिश से अधिकतर कवर जर्जर होकर फट चुके हैं, जिससे पानी अंदर जाने से धान भीग चुका है। इस लापरवाही में कहीं ना कहीं मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों की भी लापरवाही सामने दिख रही है। क्योंकि इसका भुगतान सोसाइटी सुपरवाइजर के माध्यम से ही किया गया है।

नहीं हो रहा धान का उठाव

समिति प्रबंधकों के द्वारा धान का उचित रख रखाव नहीं होने और जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा धान के उठाव पर संज्ञान नहीं लिए जाने के कारण अब ये धान बर्बाद हो रहा है। 

समिति प्रबंधकों की भी लापरवाही आई सामने

वही इस बारे में समिति प्रबंधकों से बात करने पर प्रभारी ने कहा कि, समिति से मिलर धान नहीं उठा रहे हैं। इससे जहां एक तरफ समिति प्रबंधक धान में नमी कम होने पर सुखाने के लिए परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ बदलते मौसम की वजह से धान और खराब हो रहा है। इतना ही नहीं अब समिति प्रबंधकों की भी लापरवाही सामने आने लगी है। समितियों में बेतरतीब ढंग से धान रखा गया है जिसके कारण धान का ज्यादा नुकसान हो रहा है।

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