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19 मई को टॉपर्स कांड का खुलासा किया गया था। संस्कृत बोर्ड द्वारा जो मेरिट लिस्ट जारी की गई थी, उसकी टॉपर बोर्ड परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी। 

रायपुर। संस्कृत बोर्ड अब छात्रों की कॉपियों में दर्ज अंकों की फिर से गणना कराने के स्थान पर इनकी फिर से जांच करवा रहा है। अंदरुनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व में बोर्ड द्वारा केवल उत्तरपुस्तिकाओं के अंकों की फिर से गणना करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद कंप्यूटर में कर्मचारियों द्वारा पूर्व में भ्रामक तरीके से दर्ज अंकों के स्थान पर पुनर्गणना में प्राप्त अंकों को दर्ज करने की तैयारी थी। लेकिन पुनर्गणना के लिए  उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के दौरान अधिकतर उत्तरपुस्तिकाओं में गंभीर त्रुटि दिखी अर्थात छात्रों का मूल्यांकन उचित रूप से नहीं किया गया था। उन्हें मनचाहे अंक प्रदान कर दिए गए थे। 

गलत उत्तरों के लिए भी पूरे नंबर दिए जाने के अयोग्य छात्र भी उत्तीर्ण हो गए थे। पुनर्गणना कर रहे शिक्षकों की नजर में यह तथ्य सामने आया। इसके बाद सभी कॉपियों के अंकों की फिर से गिनती किए जाने के स्थान पर उत्तरपुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन करने का फैसला लिया गया। ताकि छात्रों को अंक उनके प्रदर्शन के आधार पर मिल सके। पुनर्गणना के बाद जून अंत में परिणाम जारी किए जाने की तैयारी थी, लेकिन पुनर्मूल्यांकन के कारण अब नतीजे जुलाई माह में आएंगे।

मई में हुआ था खुलासा

हरिभूमि द्वारा 19 मई को टॉपर्स कांड का खुलासा किया गया था। संस्कृत बोर्ड द्वारा जो मेरिट लिस्ट जारी की गई थी, उसकी टॉपर बोर्ड परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी। इसके अलावा एक ही छात्र की उत्तरपुस्तिका अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा हल की गई थी। खुलासे के बाद विभाग द्वारा जांच बैठाई गई थी। जांच में हरिभूमि की खबर पर मुहर लगी थी। जांच कर रहे अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा था । कि टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाओं में भिन्न-भिन्न हैंडराइटिंग हैं। इसके अलावा उत्तरपुस्तिका में छात्रों के प्राप्तांकों और कंप्यूटर में दर्ज अंकों में भी अंतर पाया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड द्वारा फिर से दसवीं-बारहवीं की उत्तरपुस्तिकाओं की गणना करने का निर्णय लिया गया था। इस खुलासे के लगभग दो माह बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है।

मूल्यांकनकर्ता शिक्षकों ने कहा- भारी गड़बड़ी है

हरिभूमि ने संस्कृत विद्यामंडलम की कॉपियों की पुनर्गणना तथा पुनर्मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों से बात की। शिक्षकों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि कॉपियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है। गलत उत्तरों के भी पूरे अंक दे दिए गए हैं। उत्तरों के आधार पर जिन छात्रों को फेल होना था, वे भी अच्छे अंकों से पास हो गए हैं।

12वीं के परिणाम प्राथमिकता

संस्कृत विद्यामंडलम सचिव के राकेश पांडेय ने बताया कि, हम सभी कॉपियों की दोबारा जांच करवा रहे हैं। प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 12वीं के परिणाम हमारी प्राथमिकता है, ताकि उत्तीर्ण छात्र महाविद्यालयों में प्रवेश ले सके।

 

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