रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि छात्रों से ऐसे सवाल पूछ रहा है, जिसे देखकर छात्रों के दिमाग चकरा रहे हैं। गणितीय सवालों में इस तरह की पेचीदगियां हैं कि छात्र चाहकर भी प्रश्नों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ताजा मामला बीकॉम प्रथम वर्ष का है। 8 अप्रैल को हुई परीक्षा के सवाल सोशल साइट्स पर वायरल हो रहे हैं। पूछे गए एक सवाल में साझेदार एस, एम और पी थे, जबकि प्रश्न के दूसरे हिस्से में रविवि ने प्रेम को दिवालिया घोषित कर दिया।
छात्र परीक्षा केंद्र में ये ही नहीं समझ पाए कि जब प्रेम ने व्यापार किया ही नहीं और वह किसी तरह से साझेदार नहीं था, तो वह दिवालिया कैसे हो गया? इसी प्रश्नपत्र के एक दूसरे सवाल में दायित्व का योग 5,05,500 तथा संपत्ति का योग 4,65,500 हो रहा है। इस तकनीकी त्रुटि के कारण छात्र इस सवाल का भी सही उत्तर नहीं दे सके। परीक्षा के दौरान कुछ केंद्रों में छात्रों ने केंद्राध्यक्षों से शिकायत भी की, लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही। अधिकतर छात्रों ने सवाल आधे-अधूरे हल किए तो कई ने ये सवाल ही छोड़ दिए।
शिकायत करें या पढ़ाई ?
छात्र अब यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वे आगामी विषयों की तैयारी करें या प्रश्नपत्रों में हुई गड़बड़ियों की शिकायत करें। मौजूदा वार्षिक परीक्षाओं में यह पहली बार नहीं है, जब रविवि द्वारा प्रश्नों में गलतियां की गई हो। इसके पूर्व बीबीए के एक प्रश्नपत्र में भी रविवि ने ब्लू प्रिंट में निर्धारित अंकों के अनुसार परीक्षा ना लेते हुए उससे कम अंकों की परीक्षा ली थी। एक-दो अन्य विषयों में कई तरह की खामियां आ चुकी हैं। इसके बाद भी रविवि वार्षिक परीक्षाओं को संजीदगी के साथ नहीं ले रहा है।
तनाव में छात्र
जिन प्रश्नों में त्रुटि है, उनमें कई सवाल दीर्घ उत्तरीय श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। अर्थात इन सवालों के लिए सर्वाधिक अंक निर्धारित रहते हैं। औसत छात्र कुछ अंकों के कारण उत्तीर्ण अथवा अनुत्तीर्ण हो जाते हैं। कुछ छात्रसंगठनों द्वारा भी इन गलतियों को लेकर रविवि प्रबंधन में शिकायत की जा चुकी है, लेकिन विवि प्रशासन परीक्षाओं के अंतिम चरण में होने के बाद भी प्रश्न विलोपन अथवा बोनस अंक को लेकर फैसला नहीं ले सका है।