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जगदलपुर में महापौर और पार्षदों को लेकर पेंच फंस गया है। भाजपा और कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। जनता दल कांग्रेस ने आधा दर्जन से ज्यादा पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। 

अनिल सामंत- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज गया है। शहर के साथ गांव के नेताओं की भीड़ पार्टी कार्यालयों में दिखने लगी है।चुनाव की तिथि तय होते ही पार्टी के कार्यकर्ता कार्यालयों में जुटने लगे हैं। बरहाल नगरीय निकाय चुनाव में सबसे अहम निगम महापौर और पार्षद पद के लिए पार्टी पदाधिकारियों और चुनाव प्रभारियों का फोकस है। नगर निगम जगदलपुर चुनाव में भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों ने अपने पत्ते नहीं खोले है। 

दोनों दलों ने पार्षद प्रत्याशी के नाम तो लगभग-लगभग तय कर दिए है। सब कुछ ठीक रहा तो शुक्रवार की देर रात तक पार्षद की सूची जारी कर दी जाएगी। लेकिन महापौर को लेकर दोनों दलों में पेंच फंसा है।कांग्रेस से महापौर के प्रमुख दावेदारों में पीसीसी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु समेत पूर्व शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजीव शर्मा,शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य और निकेत झा के नाम चयन समिति की सूची में सम्मलित है। शनिवार को रायपुर में होने वाली बैठक में महापौर के किसी एक नाम पर मुहर लगना तय है,देर रात तक नाम की घोषणा कर दी जाएगी।

चयन समिति ने तीन नाम किए फाइनल 

इधर सत्तारूढ़ भाजपा में महापौर पद के लिए भारी लोचा है। यहां महापौर के लिए सर्वाधिक 21 नाम संगठन को प्राप्त हुआ था। इनमे प्रमुख रूप से संजय पांडे, विद्याशरण तिवारी, मनीष पारख, नरसिंग राव, दिनेश पाणिग्राही, अनिल लुंक्कड़, योगेंद्र पांडे, रजनीश पाणिग्राही, रामाश्रय सिंह, एल ईश्वर राव, दीप्ति पांडे और अन्य सम्मलित है। अब चयन समिति ने भारी मशक्क्त के बाद तीन नाम प्रदेश संगठन के समक्ष प्रस्तुत किया है। जिसमे दो ब्राम्हण और एक व्यापारी वर्ग से बताया जा रहा है।

यह है सियासी गणित 

प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को टिकट आरक्षण में वंचित करने के बाद ओबीसी वर्ग भाजपा से भारी नाराज है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंगदेव ने हाल में दिए एक बयान में स्पष्ट किया था कि महापौर भले ही सामान्य मुक्त है। इसके बावजूद आवश्यकता पड़ी तो हम ओबीसी वर्ग को टिकट देने का प्रयास करेंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के इस बयान को ओबीसी वर्ग के डेमेज कंट्रोल से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में जो तीन नाम है, तीनो के नाम सूची से गायब हो नया नाम जुड़ जाए तो अचरज नही होगा।

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