जितेंद्र सोनी-जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में हेल्थ केयर ड्रोन डेमो का कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है। सुदूर अंचलों में भी त्वरित गति से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने ड्रोन का प्रदर्शन किया गया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बैंगलुरू की एक निजी कंपनी के द्वारा प्रायोगिक तौर पर पुलिस लाइन से एक ड्रोन की मदद से दवाइयों को 50 किलोमीटर दूर स्थित सन्ना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। फिर वहां से ड्रोन सकुशल मेडिकल किट वापस लेकर आ गया। इस पूरे गतिविधि में लगभग एक घंटे का समय लगा।
कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा कार्यों में गति लाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। कलेक्टर ने ड्रोन संचालन दल से इसके संचालन और क्षमता की जानकारी ली। पहाड़ों और पठारों से घिरे जशपुर जिले में कई इलाके दुर्गम होने की वजह कई बार इन क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना कठिन कार्य हो जाता है। ऐसे में ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकी इन समस्याओं के समाधान का एक जरिया बन सकती है।
एक बार में 60 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है ड्रोन
ड्रोन की क्षमता के बारे में रेडविंग कंपनी के रोहित देवांगन ने बताया कि, इस ड्रोन इंडिया में बना हुआ है। यह एक बार में 60 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इसे डीजीसीए द्वारा प्रमाणित किया गया है। यह 5 किलोग्राम तक का भार लेकर 75 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसमें कोल्ड चेन की भी सुविधा होने की वजह से इसके माध्यम से वैक्सिन, ब्लड सैंपल, दवाइयों का सुरक्षित परिवहन भी किया जा सकता है।
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कार्बन फुटप्रिंट हो सकता है कम
उन्होंने ने बताया कि, ड्रोन पर्यावरण के लिए भी अनूकुल है। इसके इस्तेमाल से 90 प्रतिशत तक कार्बन फुटप्रिंट तक कम किया जा सकता है। ड्रोन टीम ने बताया कि यह प्रदर्शन भारत सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हेल्थ केयर ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रयोग का एक भाग है। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर हरिओम द्विवेदी, सीएचएमओ जी.एस. जात्रा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।