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राजनांदगांव जिले में पुलिस आरक्षक भर्ती में गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद शासन ने आखिरकर भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी।

राजनांदगांव। पुलिस आरक्षक भर्ती में गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद शासन ने आखिरकर भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी। मामला राजनांदगांव जिले का है। हरिभूमि द्वारा लगातार इस भर्ती प्रक्रिया में नम्बर देने डेटा एंट्री की गड़बड़ी को उजागर किया गया था।

बीते 16 नवंबर से राजनांदगांव शहर की आठवीं बटालियन में अलग-अलग जिलों के लिए 630 पदों पर भर्ती निकाली गई थी, जिसमें 60 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इस भर्ती प्रक्रिया में हैदराबाद की कंपनी टाइमिंग टेक्नोलॉजी के द्वारा 400 रुपये मानदेय पर नियुक्त डेटा ऑपरेटर द्वारा अभ्यर्थियों का नंबर बढ़ाये जाने को लेकर डेटा एंट्री में की गई गड़बड़ी सामने आई थी। जिसके बाद राजनांदगांव पुलिस विभाग द्वारा इस मामले में एफआईआर कराई गई थी और जांच के दौरान ही चार पुलिसकर्मी और दो डेटा एंट्री कर्मचारी व एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर न्यायिक निर्माण पर जेल भेजा था। 

गड़बड़ी की भर्ती रद्द 

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित सुशासन दिवस के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस भर्ती मामले में सुशासन स्थापित करने का संदेश देते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत हुई थी, कहीं भी गड़बड़ी सरकार बर्दाश्त नहीं करेंगी, इसलिए इस भर्ती को रद्द कर दिया गया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। 

चार हजार से अधिक अभ्यर्थियों के लिए गड़बड़ी 
 
पुलिस आरक्षक भर्ती की प्रक्रिया में लगभग 4 हजार अभ्यर्थियों की दक्षता परीक्षा के अंको की इंट्री में गड़बड़ी सामने आ चुकी है। ऐसे में अब सरकार ने हरिभूमि की खबर के बाद इस गड़बड़ी को गंभीरता से लिया है और युवाओं के हित में इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। वैसे, इस मामले ने राज्य के अन्य जिलों में चल रही भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट के डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया और इसकी पारदर्शिता पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं, लेकिन दावा किया जा रहा है कि बाकी जिलों में ऐसी किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। 

आरक्षक ने की थी आत्महत्या

इस भर्ती प्रक्रिया में लॉन्ग जंप में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस आरक्षक भी संदेह के दायरे में था, जिसने आत्महत्या कर ली थी और भर्ती में कर्मचारियों को फंसाये जाने और अधिकारियों को बचाए जाने का आरोप लगाया था, जिस पर पुलिस ने इसे गंभीरता से अपनी जांच में लिया है।

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं 

मुख्यमंत्री द्वारा भर्ती प्रक्रिया रद्द किए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा है कि आज सुशासन दिवस के अवसर पर राजनांदगांव पुलिस भर्ती मामले पर त्वरित संज्ञान लेकर इस पूरी भर्ती को रद्द करने का सराहनीय निर्णय लिया है। उन्होंने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम एसआईटी का गठन के निर्देश देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि इस सुशासन की सरकार में किसी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

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ट्वीट कर दी सूचना रात तक आदेश जारी नहीं 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज सुबह अपने प्रवक्ता के जरिए भर्ती को रद्द करने की जानकारी ट्विटर और व्हाट्सएप के जरिए दी। सुबह से रात तक पुलिस के आला अफसर पीएचक्यू के आदेश का इंतजार करते रह गए लेकिन देर रात तक आदेश जारी नहीं हुआ। बताया जाता है कि सीएम विष्णुदेव साय ने जब मीडिया को इसकी जानकारी दी, तब कहीं जाकर राजनांदगांव में चल रही पुलिस भर्ती को बंद कराया गया।

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