श्यामकिशोर शर्मा-राजिम। छत्तीसगढ़ के राजिम में संत कबीर का प्राकट्य दिवस मनाया गया। जहां मुख्य अतिथि के रूप में विधायक रोहित साहू पहुंचे। उन्होंने कहा कि, संत कबीर की वाणी हमें जीवन जीने की कला सिखाती हैं। कबीर दास जी ने मध्यकालीन भारत के सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने अपने दोहों, विचारों और जीवनवृत्त से तत्कालीन सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया। वे संत होने के साथ ही महान विचारक व समाज सुधारक भी थे। 

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर ने कहा कि, संत कबीर जी ने मध्यकालीन भारत के तत्कालीन समाज में व्याप्त अंधविश्वास, रूढ़िवाद, पाखण्ड का घोर विरोध किया। कबीर दास जी ने उस काल में भारतीय समाज में विभिन्न धर्मों और सामाजिक लोगों के बीच आपसी मेल-जोल और भाईचारे का मार्ग प्रशस्त किया। 

सामाजिक कुरीतियों पर उन्होंने कुठाराघात किया 

विशिष्ट अतिथि के रूप  में मौजूद भाजपा के वरिष्ठ नेता जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कहा कि, कबीर दास जी ने सामाजिक कुरीतियों पर कुठाराघात करते हुए ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय का संदेश दिया। यह बात उनके दोहों से साफ झलकती है कि उन्होंने अपने दोहों के जरिए जीवन में कई सीख दी है। श्री साहू ने कहा कि सदगुरु कबीर जी के दिव्य वाणी का प्रकाश आज भी हमें समस्याओं के अंधेरे से निकालकर समाधान के प्रकाश में ले जाता है। कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। इस दौरान सभी अतिथियों ने नगर पंचायत अध्यक्ष निधि से आश्रम में 2 लाख रुपए की लागत से बनने वाले अतिरिक्त भवन का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर नगर पंचायत उपाध्यक्ष रेखा-कुलेश्वर साहू, मंडल अध्यक्ष कमल सिन्हा, पार्षद महेश यादव, प्रहलाद गंधर्व, मेघनाथ साहू, तुलाराम साहू, कुलेश्वर साहू, नेहरू साहू सहित बड़ी संख्या में कबीरपंथी अनुयायी उपस्थित थे।