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केके रेलामार्ग पर लैंड स्लाइड हुआ है। यहां पर 2 दिन से लगातार बारिश की वजह से पहाड़ों से चट्टानें गिरती हुई नजर आ रही है।

पंकज भदौरिया/दंतेवाड़ा- छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक बार फिर केके रेलामार्ग पर लैंड स्लाइड हो गया है। जिसके कारण नाईट एक्सप्रेस 31 जुलाई तक रायगड़ा से घूमकर आएगी। यहां पर 2 दिन से लगातार बारिश की वजह से पहाड़ों से चट्टानें गिरती हुई नजर आ रही है। ऐसे भयाभय हालात देखकर कई पैसेंजर ट्रेन पर रोक लगानी पड़ रही है। 

ईको रेलवे ने जारी किया आदेश

किरंदुल हादसे को ध्यान में रखते हुए ईको रेलवे ने आदेश जारी किया है। ऐहतियात बरतते के लिए भी अलर्ट जारी किया है। दरअसल, ओड़िशा और आंध्रप्रदेश में लगातार तेज बारिश हो रही है। भारी बारिश के चलते टायडा और चिमड़ीपल्ली स्टेशन के बीच भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है। इस बात की सूचना सीनियर डिवीजनल कॉमर्शियल मैनेजर संदीप ने दी है। 

किरंदुल हादसे को ध्यान रखकर किया फेरबदल

27 जुलाई को एनएमडीसी किरंदुल 11B डेम का पानी शनिवार सुबह 9 बजे को फिर से पहाड़ों से हजारों लीटर पानी और मलबे के साथ लोगों के घरों में घुस गया। पानी का सैलाब जहां भी पहुंचा तबाही छोड़ गया। एनएमडीसी के डेम के पानी से लोगों का जीना हुआ दुस्वार इससे पहले एनएमडीसी डेम के पानी और फाई नोर बाढ़ टूटने से रविवार दोपहर को 3 बजे अचानक लोगों  के घर घुसा था, जिससे लोगों के घर ,गाड़िया, जिंदगी भर की जमा पूंजी तबाह हो गई है। 
 
लोगों के घरों की सफाई हजारों लेबर द्वारा पिछले 5 दिनों से युधिस्टर पर करवाया जा रहा हैं। लोगों की जिंदगी पटरी पर आ ही रही थी कि,  एक बार फिर से एनएमडीसी की पहाड़ों से तेज रफ्तार पानी और मलवा अचानक शहर में घुस गया जिसे लोग अपनी जिंदगी किसी तरह बचाकर अपने घरों से निकले और पानी के सैलाब से लोग भयभीत और परेशान है।

चेकडेम बहने से 100 घर हुये बर्बाद 

वहीं कुछ दिन पहले  दक्षिण बस्तर यानी दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल शहर में एनएमडीसी माइन्स प्रोजेक्ट में लौह अयस्क की खदान 11बी में बना बांध रविवार को टूट गया। जिससे किरंदुल शहर में बंगाली कैम्प 3 नम्बर और 4 नम्बर और 6 नम्बर वार्ड में फ़टे डैम से निकलने वाला गन्दा मलबा इन वार्डो के 100 से अधिक घरों को नेस्तनाबूद कर लोगों को बेघर कर दिया। अचानक आई इस आपदा के मंजर को देखने वालों के रौंगटे खड़े हो गये। क्योंकि लौह अयस्क मिला लाल पानी का सैलाब जहाँ भी पहुँचा तबाही छोड़ गया। हरिभूमि डाट कॉम की टीम ने दूसरे दिन किरंदुल में पहुँचकर पीड़ितों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया। 

टीवी, कूलर, आलमारी, फ्रीज तक बह गए

तबाही का आलम यह था कि, सब कुछ तबाह हो गया। जिन घरों में लाल पानी घुसा वहाँ घरेलू उपयोग के टीवी, कूलर, आलमारी, फ्रीज सब बहकर सड़क पर पहुँच गया। घरों में 1 फ़ीट से अधिक लौह अयस्क का मलबा जमा हो गया जिसे पालिका और एनएमडीसी के ठेका श्रमिक हटाने में लगे थे। पीड़ित इस तबाही का जिम्मेदार एनएमडीसी प्रोजेक्ट और नगर पालिका किरंदुल को मान रहे हैं। 

पिछले दो साल से नहीं हुई डेम की सफाई

दरअसल, बंगाली कैम्प के ऊपर पहाड़ियों पर एनएमडीसी की लोह अयस्क खदान नम्बर 11बी और 11सी है। जिस पर लोह उत्खनन का काम किया जाता है। वर्ष 1989 में 6 नम्बर चैकडेम का निर्माण 10 हजार क्यूबिक मीटर क्षमता का डेम बनाया गया था जिस पर हर वर्ष मलबे की सफाई करवाना होता था। पर बीते 2वर्षो से इस डेम से मलबा नही हटाया गया। डैम के ओवरफ्लो की यह मुख्य वजह बनी जिसका खामियाजा किरंदुल शहर वासियों को उठाना पड़ा। 

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