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नकली होलोग्राम मामले में मेरठ जेल में बंद रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को तीन दिन के लिए कस्टोडियल रिमांड पर कोर्ट ने यूपी STF को सौंप दिया गया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के नकली होलोग्राम मामले में मेरठ जेल में बंद रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को तीन दिन के लिए कस्टोडियल रिमांड पर कोर्ट ने यूपी STF को सौंप दिया गया है। यूपी एसटीएफ अब 25 जुलाई तक उनसे पूछताछ करेगी। यूपी एसटीएफ ने मेरठ कोर्ट में टुटेजा की कस्टोडियल रिमांड के लिए आवेदन लगाया था। 

चार्जशीट में कई आरोपियों के नाम शामिल 

जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने 25 जुलाई तक कस्टोडियल रिमांड मंजूर कर दी है। इस मामले में यूपी एसटीएफ  ने कोर्ट में अपनी पहली चार्जशीट पेश की। करीब 5 हजार पन्नों की इस चार्जशीट में नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधु गुप्ता और इस घोटाले से जुड़े हुए कई लोगों के नाम शामिल हैं।

नोटिस जारी होने के बाद नहीं आ रही हैं शराब कंपनियां 

नकली होलोग्राम केस में मेरठ कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अनिल टुटेजा के साथ ही अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को भी 29 जुलाई तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा था। वहीं रिमांड अवधि खत्म होने के बाद 29 जुलाई कोर्ट में सुनवाई होगी। यूपी एसटीएफ के अधिकारियों ने बतााया कि इस केस में पूछताछ के लिए 3 बार शराब निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके बाद भी कंपनियों की ओर से पूछताछ में कोई नहीं पहुंचा है।यूपी एसटीएफ के अफसरों के मुताबिक, भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज को नोटिस जारी कर लखनऊ बुलाया था, लेकिन कोई भी एजेंसी के दफ्तर नहीं पहुंचा है।

घोटाले में शराब कंपनियों की भी रही भूमिका 

यूपी एसटीएफ की पूछताछ में अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने बताया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं। छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी की भी बड़ी भूमिका रही है। प्रवर्तन निदेशालय और ईओडबल्यू ने तीनों डिस्टलरी के संचालकों और उनसे जुड़े लोगों को अरोपी बनाया है। हालांकि, अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, यूपी एसटीएफ की टीम जल्द ही इन कंपनियों को फिर से नोटिस जारी करेगी। इस बार अगर पूछताछ में कोई शामिल नहीं होता है, तो संबंधित कंपनियों के संचालकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है।

आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगाया आवेदन 

नकली होलोग्राम केस में दर्ज FIR के खिलाफ आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आवेदन दिया है। इसमें नोएडा के कासना थाने में दर्ज FIR को चैलेंज किया गया है। शराब घोटाले की जांच कर रही ED के डिप्टी डायरेक्टर ने जुलाई 2023 में नकली होलोग्राम मामले में नोएडा में FIR दर्ज कराई थी। इस केस की जांच यूपी STF कर रही है। FIR में आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन कमिश्नर निरंदन दास और होलोग्राम सप्लाई करने वाली प्रिज्म कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता का नाम शामिल है।

यह है नकली होलोग्राम मामला

FIR के मुताबिक, नोएडा स्थित PHSF नाम की कंपनी को टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया गया। कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी। आरोप है कि, आबकारी विभाग के विशेष सचिव एपी त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, तत्कालीन आईएएस अनिल टुटेजा ने टेंडर के लिए उसकी शर्तों में संशोधन किया और बदले में कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतल बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।

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