आलोक तिवारी/जेएम तांडी भिलाई । छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश में मोस्ट वांटेड हैं दो नाम, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल। दोनों की तलाश दुर्ग पुलिस के साथ- साथ ईडी को भी है। दोनों ऑनलाइन सट्टा एप महादेव बुक के प्रमोटर हैं। दोनों भिलाई के रहने वाले थे। हजारों करोड़ रुपए सट्टेबाजी में कमाने के बाद दोनों दुबई शिफ्ट हो गए। खबर उड़ी कि दोनों को दुबई में ही नजरबंद कर लिया गया है। 

दुर्ग पुलिस ने दोनों पर 35 हजार का इनाम भी घोषित किया। लेकिन इन्हें लेकर हरिभूमि को एक्सक्लूसिव खबर मिली है। दोनों शिफ्ट हो गए हैं एक छोटे से देश में। जो 80 आईलैंड से मिलकर बना है। उस देश का नाम है वानूआतू (Vanuatu)। इसकी नागरिकता इन दोनों ने ले रखी है। हरिभूमि को इन दोनों का पासपोर्ट मिला है। जामुल और छावनी थाने में धोखाधड़ी समेत कई मामले दर्ज हैं। इन्हीं मामलों में दोनों आरोपियों की खोज जारी है। वहीं ईडी पहले ही फेमा के तहत मामला पंजीबद्ध कर चुका है। सौरभ और रवि का पता बताने वालों को दुर्ग पुलिस 35-35 हजार रुपए देगी। पुलिस की इस घोषणा पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि दोनों मास्टरमाइंड अरबपति हैं। 

 

दुबई में शादी की, बारातियों पर कार्रवाई की मांग 

बता दें कि, सौरभ ने अपनी शादी में तकरीबन 200 करोड़ रुपये खर्च किया था। सौरभ ने फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात के RAK (रास अल खैमा) में शादी की थी। इस शादी में सौरभ के रिश्तेदार नागपुर से UAE प्राइवेट जेट से पहुंचे थे। भिलाई-दुर्ग और रायपुर व धमतरी से भी कई लोग शादी समारोह में शामिल होने गए थे। प्राइवेट जेट को किराये पर लिया गया था, वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर वगैरह को मुंबई से हायर किया गया था।

दोनों के पासपोर्ट में क्या-कुछ है...

■ सौरभ चंद्राकरः रिपब्लिक ऑफ वानूआतू (Vanuatu) की नागरिकता सौरभ ने ली है। पासपोर्ट नंबर- RV0165645 बताया गया है। पासपोर्ट में सौरभ ने 13 जनवरी 1995 को जन्म होना बताया है। प्लेस यानि जगह बताया है भिलाई, जो है। वहीं 6 मई 2022 से 5 मई 2032 तक का पासपोर्ट जारी हुआ है। इसमें सौरभ का हस्ताक्षर भी है।

■ रवि उप्पलः  सौरभ की तरह रवि ने भी रिपब्लिक ऑफ वानूआतू (Vanuatu) की नागरिका ले ली है। पासपोर्ट नंबर- RV0168309 है। रवि के पासपोर्ट में 30 सितंबर 1980 को जन्म तारीख बताया है। 28 जून 2022 से 27 जून 2032 तक पासपोर्ट दिखाया गया है। इसमें रवि का हस्ताक्षर प्रदर्शित हो रहा है।

दुर्ग में हुई थी महादेव बुक के खिलाफ पहली कार्रवाई

अप्रैल 2022 में महादेव बुक मामले में रायपुर पुलिस ने कार्रवाई की थी। उससे पहले फरवरी 2022 में दुर्ग पुलिस ने कार्रवाई की थी। मामले में 6 मास्टरमाइंड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर किया गया था। ब्लैक मनी को लीगल करने कमीशन का बड़ा खेल चल रहा था। महादेव आईडी से जुड़ा सबसे चर्चित नाम सौरभ चंद्राकर सहित 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। दुर्ग में मोहन नगर और जामुल पुलिस ने इनके खिलाफ सट्टा | सहित अन्य धाराओं का मामला दर्ज किया था

कौन है सौरभ चंद्राकर

कैंप-2 का एक युवक, जो कभी पेशेवर जुआरी था। शुरू से ही बिजनेस की ओर से आकर्षित रहा। एक दुकान भी थी सौरभ के पास। दोस्ती रसूखदार जुआरियों से हुई। सौरभ के पिता रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम भिलाई में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत बाबू थे। सौरभ के पिता ने तीन साल पहले ही वीआर लिया, फाइनल सैटेलमेंट भी लिया। रसूखदार और बड़े जुआरियों से सौरभ की दोस्ती हुई। इनमें प्रमुख नाम सतनाम सिंह, नंदू, भरत रामाणी, राज गुप्ता, सागर सिंह, नीतिश दीवान, रवि उप्पल समेत कई लोग शामिल हैं। जिनके साथ महादेव बुक को दुनियाभर में फैलाया। उद्योगपतियों के अलावा ट्रांसपोर्टर, जनप्रतिनिधियों, कुछ पार्षदों से सौरभ की मुलाकात होती रही। ये साल 2020 की बात है, जब कोरोनाकाल भी आने वाला था। कोरोनाकाल में यह एप सबसे ज्यादा फला-फूला।