गणेश मिश्रा - बीजापुर। जनवरी में ही छत्तीसगढ़ का तापमान बढ़ा हुआ है। दो-दो चुनाव जो होने जा रहे हैं। इसी के साथ प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों की तर्ज पर बीजापुर में भी चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। वो चाहे नगरीय निकाय हो या पंचायत। बीजापुर जिला पंचायत के गंगालूर निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। जिला पंचायत के इस निर्वाचन क्षेत्र में इस बार आरक्षण बदलने से यहां प्रत्याशियों में पूरे-पूरे दंगल के आसार हैं।
दरअसल, ग्राम पंचायत गंगालूर के सरपंच रहे राजू कलमऊ के नाम पर भाजपा की सहमति के बाद से पार्टी के इस निर्णय की मुखालफत भी शुरू हो गई है। फैसले को बदलने के लिए जिला बाडी पर दबाव बनाया जा रहा है। खबर है कि, पार्टी ऐसा कोई कदम उठाती है तो यहां भाजपा का गणित उल्टा बैठ सकता है। इधर कांग्रेस ने अन्य निर्वाचन क्षेत्रों पर नामों की सहमति सूची जारी कर दी है, लेकिन गंगालूर पर आकर सारा गणित, कैलकुलेशन धरा रह जा रहा है। कांग्रेस यहां अब तक किसी नाम पर सहमत नहीं हो पाई है।
समाज में अच्छी पकड़ चुनाव के लिए रहेगी फायदेमंद
इस बीच चेरपाल के सतीश कुमार एंड्रिक की एंट्री हो गई है। जिससे गंगालूर जिला पंचायत क्षेत्र में मुकाबला काफी रोमांचक होगा। ऐसा लगने लगा है। सतीश की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, बल्कि सामाजिक सरोकारिता से इस शख्स का नाम जुड़ा हुआ है। सतीश की माने तो क्षेत्र की जनता चाहती है कि वे चुनाव लड़ें। बहुसंख्यक महार और तेलगा समाज में उनकी अच्छी पकड़ चुनाव के लिहाज से फायदेमंद रहेगी।
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कोरोबो, लोडबो, जीतवो चुनाव
समर्थकों को भी उम्मीद है कि, सतीश अब तक सामाजिक कार्यों में बढ़- चढकर भाग लेते रहे हैं। अगर वे निर्वाचित होते हैं, तो क्षेत्र में विकास कार्यों के साथ समाज का उत्थान भी होगा। बहरहाल नामांकन भरने जाने से पहले चर्चा में सतीश ने कहा कि, किसी भी सूरत में वे नाम वापस नहीं लेंगे, कोरोबो, लोडबो, जीतवो की तर्ज पर वे चुनाव जीत कर दिखाएंगे।