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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईएनएच, हरिभूमि मीडिया समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ चर्चा की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश...

जब तक हमारी सरकार रहेगी, तब तक चलेगी रामलला दर्शन की योजना

रायपुर। अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं। अब भाजपा का लक्ष्य देश के साथ हर राज्य में भी राम राज्य लाने का रहेगा। छत्तीसगढ़ को भय और भ्रष्टाचार मुक्त करके राम राज्य लाने की दिशा में काम किया जाएगा। हमारी सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों को जब तक भाजपा की सरकार रहेगी रामलला के दर्शन कराने के लिए अयोध्या भेजा जाएगा। ये बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईएनएच और हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ सार्थक संवाद में कहीं प्रस्तुत है उनके साथ हुई बातचीत।

▶ आज के दिन को किस रूप में देख रहे हैं?

▶ आज 22 जनवरी का दिन है, यह अपने देश भारत ही नहीं विश्व के लिए भी ऐतिहासिक दिन है। आज अयोध्या में भगवान श्रीराम जो करोड़ों लोगों के आदर्श हैं, उनका 500 साल बाद एक बार फिर से अयोध्या में आगमन हुआ है। आज उनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई है। यह अवसर देश के लिए गौरवशाली है। छत्तीसगढ़ के लिए उत्साह दोगुना हो जाता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है। छत्तीसगढ़ माता कौल्शया की धरती है। शिवरीनारायण माता शबरी की नगरी है। उन्होंने भगवान श्री राम को बेर खिलाने का काम किया था। भगवान श्री राम के 14 साल के वनवास का ज्यादातर समय छत्तीसगढ़ में ही बिता है। आज हम लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा करते हुए यहां पर शिवरीनारायण में लाइव देखा है।

▶ भगवान श्री राम के तो छत्तीसगढ़ में और कई स्थान हैं, लेकिन आपने शिवरीनारायण को ही अयोध्या का लाइव देखने के लिए क्यों चुना?

▶शिवरीनारायण का चयन इसलिए किया क्योंकि मैं स्वयं आदिवासी समाज से हूं और माता शबरी भी आदिवासी समाज की थीं। भगवान श्री राम के वनवास के समय उनके साथ ज्यादातर वनवासी ही उनके साथ सेना के रूप में साथ थे। ऐसे में मेरी परम इच्छा थी ऐसे अवसर पर हम माता शबरी के धाम शिवरीनारायण में रहेंगे, इसलिए आज हम यहां हैं।

▶ आप उस आंदोलन में सबसे ज्यादा प्रभावित किनके भाषणों से हुए, क्या आपने भी नारे लगाए? 

▶ हमने भी नारे लगाए थे कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे। स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव मेरे राजनीति गुरु रहे हैं। उनसे सब प्रभावित रहते थे। उनके बारे में कहा जाता था,राजा नहीं फकीर है,छत्तीसगढ़ का वीर है।

▶राम जन्म भूमि आंदोलन का हिस्सा किसकी प्रेरणा से बने ?

▶मैं उस समय छोटा था, हमारा पूरा परिवार जनसंघी रहा है। मेरे दादा जी जनसंघी थे। मेरे बड़े पिताजी जनसंघ के विधायक थे। ऐसे में मेरा नाता भी राम जी से जुड़ गया और मैं भी राम जन्म भूमि आंदोलन का हिस्सा बन गया।

▶छत्तीसगढ़ में भी राम राज्य की कोई परिकल्पना है क्या, है तो क्या है?

▶राम राज्य छत्तीसगढ़ में भी आएगा। भाजपा की परिकल्पना है राज्यों के साथ देश में भी राम राज्य आए। उस दिशा में हम काम भी करेंगे। छत्तीसगढ़ भय मुक्त हो, भ्रष्टाचार मुक्त हो उस दिशा में काम करेंगे। अंतिम व्यक्ति तक विकास और मदद पहुंचे उस दिशा में काम होगा। हमारे प्रधानमंत्री का नारा भी है, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। इस पर काम किया जाएगा।

▶ राम जी के साथ क्या अतीत में भी कोई नाता रहा है?

▶मेरे स्वर्गीय पिता जी का नाम रामप्रसाद है, बचपन में हम भगवान श्री राम की पूजा करते थे, तब हुनमान जी उनके पास में गदा लिए हुए रहते थे। बचपन से ही भगवान राम की पूजा करते रहा हूं। हमारा बचपन से ही भगवान श्री राम से नाता जुड़ गया था। हमारा पूरा परिवार भगवान राम का भक्त है। जब बड़े हुए और भाजपा से जुड़े तो इस पार्टी का भी भगवान श्री राम ने नाता है। एक समय में घर- घर में राम शिला का पूजन हुआ था, उस समय हम भी इसमें सहभागी बने थे।

▶ राम जी का किस तरह का प्रभाव आप पर रहा है?

▶मैंने राम जी की पूजा अर्चना ही नहीं की है, उनके गुणों पर भी चलने का प्रयास किया है। भगवान श्री राम सबको साथ लेकर चलने वाले रहे हैं। उनका वनवासियों से ज्यादा नाता रहा है। उन्होंने शबरी से जुठे बेर भी खाये, जब लंका पर आक्रमण किया तो उनके साथ वनवासी ही सेना के रूप में ज्यादा थे। उनके साथ वानर भी थे। वे सबको एक समान मानते थे। हम आज जिस पार्टी में हैं उस पार्टी के हमारे मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा भी है सबका साथ, सबका विकास। 

▶ जब नारा लगाते थे, तब विरोधी एक लाइन जोड़ देते थे, पर तारीख नहीं बताएंगे, तब कैसा लगता था?

▶तब अच्छा नहीं लगता था। हम लोगों को विश्वास था कि एक दिन तो राम मंदिर बनकर रहेगा और उसमें योगदान सभी लोगों को रहेगा और आज वो दिन आ भी गया और वहां पर राम मंदिर बन भी गया है।

▶जिस तरह की लंबी लड़ाई चल रही थी, क्या भरोसा था कि आपके जीते जी मंदिर बन जाएगा?

▶ 500 सालों के संषर्घ के बाद जीत मिली है। 1992 में कार सेवा का आंदोलन चला। सरयू नदी का पानी भी राम भक्तों के खून से लाल हो गया था। सबकी शहादत काम आई और आज राम मंदिर बन गया है। यह हम लोगों का सौभाग्य है कि यह हमारे जीते जी बना है और हम सब इसके साक्षी बने हैं। लंबी कानूनी लड़ाई भी चली, न्यायधीशों को भी लगता था कि यह राम जन्म भूमि ही है, पर फैसला नहीं कर पाते थे, जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने जो हिंदूओं के भी पक्ष में बात करते हैं तो न्यायधीशों को भी लगा कि अब सही फैसला दिया जा सकता है और सही फैसला सुनाया। प्रधानमंत्री को भी साधुवाद है कि उनके कार्यकाल में न सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया बल्कि उनके कार्यकाल में मंदिर भी बना और प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई।

▶ प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को लेकर भी सवाल उठे हैं, आप क्या सोचते हैं?

▶ हर किसी का अपना-अपना मत होता है। कुछ लोगों को विरोध करने की भी आदत होती है। कुछ लोगों की राजनीति मजबूरी होती है। भगवान श्री राम को वो भी मानते हैं और स्वीकार भी करते हैं। अंतर मन से वहां जाना भी चाहते हैं, लेकिन नहीं जाते हैं। निमंत्रण को ठुकराना ठीक बात नहीं है। भगवान राम किसी पार्टी विशेष के नहीं है। 

▶ कभी मौका मिला है अयोध्या जाने का, वहां देखकर क्या अनुभूति की?

▶ सांसद रहते 2014 के पहले जाने का मौका मिला था, तब बड़ा दुख हुआ था कि भगवान श्री राम अपने जन्म स्थान में टेंट में हैं। बहुत दूर से हमको प्रणाम करने का अवसर मिला था।

▶राम वन पथ गमन को लेकर भी कोई परिकल्पना है क्या?

▶बिलकुल है, मोदी की गारंटी में भी ये बात है। छत्तीसगढ़ राम जी का ननिहाल है। वनवास के 14 साल में से करीब 10 साल यहां रहे हैं, वे यहां पर जहां-जहां भी गए हैं, उन स्थानों का विस्तार और विकास होगा।

▶इसकी गारंटी कब तक पूरी होगी?

▶ फरवरी में बजट सत्र हैं। जब हम सरकार में आए हैं तो खजाना खाली मिला है। बजट सत्र में इसको लाया जाएगा और जल्द इस पर काम प्रारंभ करेंगे। 

▶ राम लला के दर्शन करवाने के पीछे का मकसद क्या है?

▶भाजपा की यहां पर 15 साल तक सरकार रही, उसमें तीर्थ यात्रा योजना थी। अब अयोध्या में भगवान रामलला विराजमान हो गए तो छत्तीसगढ़ के लोगों को रामलला के दर्शन कराने का अधिकार भी बनता है। वही हमारी करने की योजना है।

▶ योजना लोकसभा तक रहेगी या आगे भी - चलेगी?

▶जब तक हमारी सरकार रहेगी योजना चलती रहेगी और रामलला के दर्शन कराए जाएंगे। हमारी योजना कोई चुनावी योजना नहीं है।

▶ क्या विपक्षी दलों के विधायकों को भी रामलला के दर्शन कराने की योजना है?

▶ बिलकुल है, उनको भी जरूर हम दर्शन कराने के लिए ले जाएंगे। इसमें कोई पार्टी वाली बात नहीं है।

▶आप और मंत्री कब जाएंगे अयोध्या?

▶ अब रामलला विराजमान हो गए हैं, जल्द ही फैसला करेंगे और पूरा मंत्रिमंडल रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएगा। विधायकों के साथ भी जाएंगे।

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