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पिछले कुछ माह से छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में दवाओं की कमी बनी हुई है। टीबी संक्रमित इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। 

रायपुर। टीबी पर नियंत्रण के लिए निशुल्क दवाओं की किल्लत अभी भी सामान्य नहीं हो पाई है और स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन लगाने की तैयारी कर रहा है। केंद्रीय मंत्रालय के निर्देश पर जुलाई से इसकी शुरुआत करने के लिए मैदानी अमले को टीका लगाने की ट्रेनिंग देने का काम शुरू कर दिया गया है। वैक्सीन की हितग्राहियों की पहचान के लिए लक्षण के आधार पर संदिग्ध वयस्कों की पहचान के लिए मितानिन की मदद से सर्वे किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसे पूरा करने के लिए विभिन्न अड़चनें भी सामने आ रही हैं।

 पिछले कुछ माह से छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में दवाओं की कमी बनी हुई है। टीबी संक्रमित इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए निशुल्क वैक्सीन लगाने की योजना पर काम कर रहा है। हाईरिस्क की श्रेणी में आने वालों को बीसीजी के निशुल्क टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए 18 साल से अधिक आयु वालों के बीच टीबी के लक्षण के आधार पर लोगों की पहचान की जाएगी। योजना के तहत अभी जिला और राज्य स्तर पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिए जाने का काम पूरा किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि जुलाई से लगने वाला यह टीका क्षय रोग से लड़ने के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करेगा।

बच्चों के साथ बड़ों को भी निशुल्क

अब तक बीसीजी का टीका सात साल तक की आयु के बच्चों को निशुल्क लगाया जाता रहा है। अब 18 साल से अधिक उम्र मगर हाईरिस्क की श्रेणी में आने वालों को यह टीका लगाया मुफ्त लगाया जाएगा। ऐसे लोगों की पहचान के डोर टू डोर सर्वे की जिम्मेदारी मितानिन को दी जाएगी। बच्चों की तरह वयस्कों को भी इसकी एक वैक्सीन लगेगी।

जिले में दो हजार मरीज

रायपुर जिले में अभी टीबी के दो हजार पंजीकृत मरीज हैं। विभागीय स्तर पर इन्हें निशुल्क दवा के साथ अन्य शासकीय सुविधा देने का दावा किया जाता है। इसके अलावा दुर्ग में डेढ़ और बिलासपुर में एक हजार मरीज हैं। विभागीय टीम टीबी मरीजों की पहचान के लिए समय-समय पर अभियान चलाती है।

माइक्रोप्लान बनाकर काम

क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के  नोडल अफसर अजय शंकर कन्नौजे ने बताया कि,बीसीजी की वैक्सीन लगाने ट्रेनिंग पूरी कराई जा रही है। हितग्राहियों की पहचान के लिए माइक्रो प्लान बनाया जाएगा। दवा का संकट दूर करने जिला स्तर पर खरीदी के निर्देश दिए गए हैं। 

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