कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। एक तरफ सरकार गांव में होने वाले विकास कार्य में ग्रामीणों को मनरेगा के तहत कार्य करा कर रोजगार के साधन उपलब्ध करा रही। वहीं दूसरी तरफ सरपंच मनमानी कर मनरेगा के तहत होने वाले कामों को मशीनों से करवा कर मजदूरों का हक मार रहे हैं। इतना ही नहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी संबंधित कार्य का आदेश जारी करने के बाद यह देखने तक नहीं जाते की काम मजदूरों से कराया जा रहा है या मशीनों से।
नियम विरुद्ध जेसीबी से खुदाई
पूरा मामला पलारी तहसील अंतर्गत ग्राम संडी मुड़पार का है। जहां पंचायत के द्वारा गांव के निजी तालाब में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत मिट्टी निकालने का काम करवाया जा रहा है। इसके अलावा उसी निजी तालाब के आधे हिस्से में नियम विरुद्ध जेसीबी से भी खुदाई करवाकर मिट्टी निजी उपयोग हेतु हाईवा से निकलवाया जा रहा है। निजी जेसीबी से निकाली जाने वाली को पंचायत के उपयोग में नहीं लाया जा रहा है।
जबकि नियम यह है की उक्त मिट्टी को तालाब के मेढ़ में डाला जाना चाहिए।
नोटिस भेजा गया है: सीईओ
आपको बता दें, मनरेगा के तहत इस निजी तालाब में 60 दिनो तक का कार्य हो चुका है। जो की शासन के पैसों की बरबादी है। इस बारे में जनपद पंचायत पलारी के सीईओ रोहित कुमार नायक ने बताया कि, उक्त पंचायत के ग्रामीणों द्वारा मौखिक शिकायत की गई है। हमने सरपंच सचिव एवम रोजगार सहायक को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब देने को कहा है। आगे जांच टीम भी गठित करने की बात कही है।