रायपुर। नई दिल्ली रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की टीम अध्ययन यात्रा पर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले पहुंची। जहां पर उन्होंने जिले के विकास कार्यों का अवलोकन किया। इस दौरान महिला आत्मनिर्भरता, युवाओं के रोजगार और पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की सराहना की। राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के अध्ययन यात्रा- 2025 में 18 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम आए हुए हैं।

अधिकारियों की टीम ने जिले में संचालित सामाजिक और आर्थिक उत्थान से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का अवलोकन किया। इस दौरान सबसे पहले गीदम स्थित डेनेक्स फैक्ट्री का निरीक्षण किया। उन्हें बताया गया कि, स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री की शुरुआत की थी। इस फैक्ट्री में निर्मित कपड़ों को डेनेक्स ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जाता है। जिले में चार फैक्ट्रियों की स्थापना की जा चुकी है, जिनका लक्ष्य लगभग 1 हजार 200 परिवारों को रोजगार देना है। यहां अधिकारियों ने कामकाजी महिलाओं से चर्चा कर उनका उत्साहवर्धन किया।

नक्सल पीड़ित पुनर्वास केंद्र का किया अवलोकन

प्रतिनिधि मंडल ने कारली स्थित नक्सल पीड़ित पुनर्वास केंद्र का अवलोकन किया। अधिकारियों को अवगत कराया गया कि लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवारों को सुरक्षित आवास और रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से इन परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है।

बच्चों के शिक्षण का अवलोकन करते हुए वरिष्ठ अधिकारी

एजुकेशन सिटी जावंगा का भी किया दौरा 

प्रतिनिधि मंडल ने एजुकेशन सिटी जावंगा का भी दौरा किया, जहां उन्होंने सक्षम-2 (विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का आवासीय विद्यालय) में छात्रों से बातचीत की और उनकी उपलब्धियों की सराहना की। अधिकारियों को बताया गया कि दृष्टिबाधित छात्रों की पढ़ाई के लिए एनी डिवाइस नामक स्मार्ट लर्निंग टूल उपलब्ध कराया गया है, जो ब्रेल लिपि सीखने और पढ़ने में सहायक है। अधिकारियों ने घुड़सवारी प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया, जहां छात्रों को घुड़सवारी की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। इस दौरान छात्रों ने गीत-संगीत की प्रस्तुति भी दी, जिसे सभी ने सराहा।

नक्सल पीड़ितों के पुनर्वास की सराहना की 

इसके अलावा नव गुरुकुल संस्था द्वारा छात्रों को दी जा रही निःशुल्क सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कक्षाओं का भी अवलोकन किया। उन्हें बताया गया कि, 18 महीने के इस पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को पीईटी, पीएमटी, आईआईटी, जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है। इसके अलावा, छात्रों को इंग्लिश कम्युनिकेशन और लीडरशिप से जुड़े विशेष सत्र भी कराए जा रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल ने जिले में शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और नक्सल पीड़ितों के पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इसे अन्य स्थानों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बताया।