आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ से अमरकंटक जाने वाले हजारों यात्रियों को खराब सड़कों के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की खस्ता हालत के चलते 30 किमी. का सफ़र 2 घंटे में पूरा हो रहा है। सड़कों पर बने बड़े- बड़े गड्ढों के कारण लोग सड़क दुर्घटना के कारण शिकार हो रहे हैं। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी सुधार के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ से मप्र को जोड़ने वाली सड़क में बड़े- बड़े गड्ढे को जाने के कारण आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही है। @PWDCgGov #ChhattisgarhNews #haribhoomi pic.twitter.com/jk1HKC0fYQ
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) October 27, 2024
बिलासपुर से जबलपुर नेशनल हाईवे सड़क निर्माण का काम चल रहा है। इसके लिए रतनपुर से पेंड्रा जाने वाले आरएमकेके रोड को नेशनल हाईवे को ट्रांसफर किया गया है। इसके बाद भी बेलगहना से लेकर कारीआम तक सड़क इतनी खराब है कि, करीब 30 किमी. का सफर डेढ़ से 2 घंटे में पूरा हो रहा है। बंजारी घाट वाले हिस्से में भी बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है। जिसके कारण लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी जिले सहित छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से भी काफी संख्या में मरीजों का बिलासपुर और रायपुर जाने के लिए इसी रास्ते से होकर एम्बुलेंस को भी जाना पड़ता है।
छत्तीसगढ़ से मप्र को जोड़ने वाली सड़क में बड़े- बड़े गड्ढे को जाने के कारण आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही है। #ChhattisgarhNews #haribhoomi pic.twitter.com/nQhr75Z74l
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) October 27, 2024
ख़राब सड़क बनी मरीजों के लिए आफत
निर्माणाधीन नेशनल हाईवे को जोड़ने के लिए पेंड्रा और गौरेला से आने वाले सड़कों में काफी गड्ढे है। खराब सड़क के कारण इलाज कराने आने वाले मरीजों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे अथॉरिटी के नज़रअंदाज के कारण आमजनों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे
विभाग के अधिकारी जल्द ही सड़क सुधार किए जाने का आश्वासन रटे रटाए तौर पर रहे है। जबकि कुछ दिनों पहले प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारियों को किसी भी सड़क में गड्ढे दिखाई नहीं देने की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद भी विभाग के अधिकारियों पर इसका जरा भी असर नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है।