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नौतपा के एक सप्ताह पहले राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बदली-बारिश की स्थिति निर्मित हो रही है। इस दौरान तापमान में अधिक वृद्धि के आसार नहीं हैं।

रायपुर। इस बार नौतपा अधिक नहीं तपेगा। जिस तरह के हालात वर्तमान में बन रहे हैं, उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार गर्मी बगैर लू के ही गुजर जाएगी। नौतपा के एक सप्ताह पहले राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बदली-बारिश की स्थिति निर्मित हो रही है। इस दौरान तापमान में अधिक वृद्धि के आसार नहीं हैं। ऐसे में लू जैसी स्थिति भी निर्मित नहीं होगी। वहीं मानसून के आने से पहले ही खुशखबरी आ गई है। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस बार प्रदेश में बारिश सामान्य से 6 प्रतिशत अधिक रहेगी। पिछले साल बारिश सामान्य से 6 फीसदी कम रही थी। हालांकि अधिक अंतर नहीं होने के कारण इसे सामान्य ही माना गया था। इसके अलावा प्रदेश में मानसून अपने निर्धारित तिथि से पहले दस्तक दे सकता है।

2023 में जगदलपुर-रायपुर में एक साथ पहुंचा था मानसून 

मौसम विशेषज्ञ डॉ. एचपी चंद्रा के अनुसार, इस बार केरल में मानसून के जल्द प्रवेश करने के अनुमान हैं। केरल में मानसून आने की संभावित तिथि 31 मई बताई जा रही है। यदि केरल में मानसून पहले आ जाता है तो छग में भी यह तय समय से पहले पहुंच सकता है। छग के बस्तर में मानसून आने की सामान्य तिथि 16 जून है। राजधानी में इसके बाद 19 जून तक मानसून पहुंचता है। पिछले वर्ष दोनों ही स्थानों में मानसून एक साथ 21 जून को पहुंच गया था। इसके 24 घंटे बाद 22 जून को अंबिकापुर पहुंचा था। इस बार मानसून जगदलपुर में 13-14 जून के आस-पास पहुंच सकता है। इसके 48 घंटों बाद मानसून रायपुर पहुंचेगा।

रायपुर का तापमान 40 से नीचे

नौतपा 25 मई से प्रारंभ हो रहा है, जो 2 जून तक चलेगा। धार्मिक दृष्टिकोण से ऐसा माना जाता है कि नौतपा में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और धरती के समीप आ जाते हैं, जिस वजह से सूर्य का तेज बढ़ जाता है। इस दौरान लोगों को अधिक गर्मी का सामना करना पड़ता है। गुरुवार को प्रदेश में सबसे अधिक गर्म कोरबा रहा। यहां तापमान 43.8 डिग्री दर्ज किया गया है। सबसे कम तापमान 21.2 डिग्री नारायणपुर में दर्ज हुआ। रायपुर का अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 39.7 डिग्री रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री रहा, जो सामान्य है।

अंधड़ की चेतावनी

ऊपरी हवा के चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण तथा बन रहे सिस्टम के कारण प्रदेश में 17 मई को एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज- चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने की चेतावनी भी जारी की गई है। वर्षा मुख्यतः दक्षिण छत्तीसगढ़ में केंद्रित रहने की संभावना है। रायपुर में भी आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे। 

गर्मी का बांधों पर असर,पिछले साल से 22 फीसदी कम पानी 

प्रदेश के कई जिलों के मध्यम और छोटे बांधों में भी स्थिति चिंतनीय है। गत दो वर्षों में मई में जलस्तर के भंडारण का यह निम्न स्तर है। भीषण गर्मी के कारण मई के पहले पखवाड़े में राज्य के 12 बड़े बांधों में जल भंडारण स्तर में तेजी से गिरावट आई है। प्रदेश के बड़े बांधों में पिछले साल के मुकाबले 21.71 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2023 में जहां 58.22 प्रतिशत पानी था  वहीं वर्तमान में 36.51 जल भराव की क्षमता है। वहीं मध्यम बांधों में वर्ष 2023 में 49.30 प्रतिशत पानी था, वह अब मात्र 33.41प्रतिशत पानी शेष है। 

तालाबों को भरने जाने पानी दिए के बाद बांधों के जलभराव में आई भारी कमी

धमतरी में स्थित प्रदेश का सबसे बड़ा बांध गंगरेल है, जहां से मिलाई स्टील प्लांट समेत धमतरी, भिलाई शहर और प्रदेश की राजधानी सहित अन्य जिलों में पेयजल के लिए पानी सप्लाई किया जाता है। बांध की क्षमता लगभग 32 टीएमसी है, जिसमे वर्तमान में सिर्फ 33.47 प्रतिशत पानी शेष रह गया है। गर्मी के चलते बांध का पानी सूखने लगा है और बांध का जल स्तर गिरने लगा है। वहीं किसान सिंचाई के लिए गर्मी के समय भी बांध के पानी पर निर्भर रहते हैं। रबी में मांग के बावजूद गंगरेल से पानी नहीं छोड़ा गया है, लेकिन जिले के 450 तालाबों को भरने के लिए गंगरेल से पानी दिया जा रहा, क्योंकि तेजी के साथ यहां भूमि का जलस्तर नीचे गिर रहा था, जल स्तर बनाए रखने के लिए पानी छोड़‌ना जरूरी हो गया था।

सिकासार के गेट बंद

सिकासार जलाशय में जलभराव क्षमता के विरुद्ध जलाशय में उपलब्ध जल को ध्यान में रखते हुए 10 मई से सिकासार जलाशय का गेट बंद कर दिया गया। सिकासार जलाशय की जलभराव क्षमता 198.88 मि.घ.मी है। जलाशय में 53.54 मि.घ.मी. जल उपलब्ध है, जो कि जलाशय के पूर्ण जलभराव का मात्र 21.63 प्रतिशत है। आगामी खरीफ फसल के लिए गरियाबंद, धमतरी जिले के लिए 38. मि.घ.मी. एवं माह मई 2024 में निस्तार के लिए पानी आरक्षित रखा जाना
है। में लू जैसी स्थिति भी निर्मित नहीं होगी। वहीं मानसून के आने से पहले ही खुशखबरी आ गई है। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस बार प्रदेश में बारिश सामान्य से 6 प्रतिशत अधिक रहेगी। पिछले साल बारिश सामान्य से 6 फीसदी कम रही थी। हालांकि अधिक अंतर नहीं होने के कारण इसे सामान्य ही माना गया था। इसके अलावा प्रदेश में मानसून अपने निर्धारित तिथि से पहले दस्तक दे सकता है। लू जैसी स्थिति भी निर्मित नहीं होगी। वहीं मानसून के आने से पहले ही खुशखबरी आ गई है। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस बार प्रदेश में बारिश सामान्य से 6 प्रतिशत अधिक रहेगी। पिछले साल बारिश सामान्य से 6 फीसदी कम रही थी। हालांकि अधिक अंतर नहीं होने के कारण इसे सामान्य ही माना गया था। इसके अलावा प्रदेश में मानसून अपने निर्धारित तिथि से पहले दस्तक दे सकता है।

2023 में जगदलपुर-रायपुर में एक साथ पहुंचा था मानसून 

मौसम विशेषज्ञ डॉ. एचपी चंद्रा के अनुसार, इस बार केरल में मानसून के जल्द प्रवेश करने के अनुमान हैं। केरल में मानसून आने की संभावित तिथि 31 मई बताई जा रही है। यदि केरल में मानसून पहले आ जाता है तो छग में भी यह तय समय से पहले पहुंच सकता है। छग के बस्तर में मानसून आने की सामान्य तिथि 16 जून है। राजधानी में इसके बाद 19 जून तक मानसून पहुंचता है। पिछले वर्ष दोनों ही स्थानों में मानसून एक साथ 21 जून को पहुंच गया था। इसके 24 घंटे बाद 22 जून को अंबिकापुर पहुंचा था। इस बार मानसून जगदलपुर में 13-14 जून के आस-पास पहुंच सकता है। इसके 48 घंटों बाद मानसून रायपुर पहुंचेगा।
 

 

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