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सेंट्रल कमेटी ने संगठन की 20 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 25 पन्नों की बुकलेट जारी करते हुए भारत में माओवादी इतिहास, वर्तमान और भविष्य उल्लेख  किया है। 

जगदलपुर। माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने 25 पन्नों का बुकलेट जारी कर दो दशक में हुए नफा नुकसान की जानकारी दी है। जारी पर्चे में इन वर्षों में 8 पोलित ब्यूरो, 22 सेंट्रल कमेटी मेंबर व 1 हजार महिला माओवादियों के मौत का खुलासा किया है। सेंट्रल कमेटी ने संगठन की 20 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 25 पन्नों की बुकलेट जारी करते हुए भारत में माओवादी इतिहास, वर्तमान और भविष्य उल्लेख  किया है। वहीं बीते 20 वर्षों में मारे जाने और घायल होने वाले माओवादी लीडर्स और सदस्यों की संख्या भी जारी किया गया है। इस दौरान अलग-अलग मुठभेड़ों में जवानों के मारे जाने व घायल होने की संख्या व जवानों से लूटे गए हथियारों और जवानों द्वारा माओवादियों से बरामद हथियारों की संख्या भी जारी की गई है। सेंट्रल कमेटी ने बताया कि दो दशक में माओवादियों के 8 पोलित ब्यूरो के अलावा 22 केंद्रीय कमेटी मेंबर व 1 हजार से अधिक महिला माओवादियों के मौत का भी खुलासा किया गया है। 

यहां देखें पर्चा

बुकलेट में बताया कि, दो दशक में कुल 5 हजार 249 माओवादियों की मौत हुई। इनमें 48 एसजेडसी व एससी मेंबर, 14 आरसी मेंबर, 167 जेडसी,  डीवीसी व डीसी मेंबर, 26 सबजोनल कमेटी मेंबर, 505 एसी व पीपीसी मेंबर व 871 पार्टी व पीएलजीए मेंबर की मौत काजिक्र किया गया है। इसके अलावा माओवादियों ने 3596 मौतों को जन निर्माण कार्यकर्ता और क्रांतिकारी जनता बताया है। वहीं बीते एक साल में 218 सदस्यों, कार्यकताओं  और लीडर्स की मौत का किया उल्लेख किया गया है।

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तीन वर्ष में 669 गुरिल्ला युद्ध में 261 जवानों की मौत

सेंट्रल कमेटी द्वारा जारी बुकलेट में बताया गया कि, जुलाई 2021 से वर्ष 2024 तक 669 गुरिल्ला युद्ध सुरक्षाबलों के साथ हुई, जिसमें 261 जवानों की मौत हुई। वहीं इन हमलों में 516 जवानों को घायल करने की बात लिखी गई है। वहीं 3 वर्ष में हुए हमलों में 25 हथियार हासिल करने की जानकारी देते हुए बताया कि इन साढ़े तीन वर्ष में संगठन को बड़ा नुकसान हुआ, जिसमें 439 माओवादी सदस्यों के मारे जाने और माओवादियों का 215 हथियारों के नुकसान होने की बात कबूली गई है।माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने जारी बुकलेट में संगठन कब कब और कैसे कमजोर हुआ और दोबारा कैसे मजबूत हुआ, इन बातों का भी जिक्र प्रमुखता से किया है।

दो दशक में 4073 हमले में 3090 जवानों की मौत

सेंट्रल कमेटी ने जारी बुकलेट में बताया कि, पिछले दो दशक में सुरक्षा बलों पर 4073 बड़े, मझौले एवं छोटे किस्म के हमले व जवाबी हमले किए गए। इसमें पुलिस व सुरक्षा बलों के 3090 जवानों की मौत व 4 हजार 77 जवानों के घायल होने की बात कही गई है। इसके अलावा जवानों से मुठभेड़ के दौरान 2 हजार 365 आधुनिक हथियार व 1 लाख 19 हजार 682 कारतूस व गोला बारूद लूटने का जिक्र किया गया है।

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