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सर्चिंग के दौरान जवानों को नक्सलियों का लैब मिला था। पुलिस आशंका जता रही है कि, नक्सली इन कैमिकल्स का उपयोग हाईटैक आईईडी बम बनाने के लिए कर रहे थे। 

गौरव श्रीवास्तव-कांकेर। तीन दिन पहले पुलिस और नक्सलियों के बीच धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद सर्चिंग के दौरान जवानों को नक्सलियों का लैब मिला था। जवानों ने नक्सल लैब से कुछ कैमिकल्स के सैंपल्स साथ लाए थे। पुलिस आशंका जता रही है कि, नक्सली इन कैमिकल्स का उपयोग हाईटैक आईईडी बम बनाने के लिए कर रहे थे। 

बता दें कि, नक्सलियों के कैम्प से माइक्रोस्कोप, ट्रांजिस्टर, बीकर, परखनली, स्लाइड्स, बांट, फिल्टर, वर्नियर कैलिपर्स, केमिकल्स जैसे इथेनॉल, सल्फर, नाइट्रिक एसिड, मैग्नेट, परकनली स्टैंड, थर्मोमीटर, ड्रॉपर, फोर्क्स आदि सामग्रियां मिली हैं। नक्सलियों के पास से केमिकल रसायन मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। नक्सली आखिर इन चीजों का क्या इस्तेमाल कर रहे थे, यह अब भी पहेली बनी हुई है। हालांकि शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस का दावा है कि, नक्सली आईईडी बनाने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। 

हाईटेक आईईडी बनाने की तैयारी कर रहे नक्सली 

पुलिस का अंदेशा है कि, नक्सली हाईटेक तरीके से ज्यादा पावरफुल बम बनाकर जवानों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं।  नक्सलियों के पास से सल्फर, नाइट्रिक एसिड का मिलना इस ओर इशारा कर रहा है कि, नक्सली आईईडी में जहर का इस्तेमाल कर घायल जवानों के शरीर में जहर फैलाकर उनकी जान लेने की तैयारी कर रहे थे।  नक्सलियों के इस साजिश से साफ है कि, यदि कोई जवान आईईडी की चपेट में आकर घायल भी हो जाता है तो आईईडी में मौजूद जहर शरीर के घांव के जरिए जवान के शरीर में फैल जाए और किसी भी सूरत में जवान की जान न बच सके। 

नक्सलियों को उनकी साजिश में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा- एसपी इंदिरा कल्याण

इस मामले में कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलिसेला का कहना है कि, फिलहाल यही लग रहा है कि हाईटेक आईईडी बनाने में इसका इस्तेमाल किया जा रहा होगा। उन्होंने कहा कि, साइंस लैब की ये सब चीजें नक्सलियों को कहां से सप्लाई हो रही है इसकी भी जांच की जा रही है, नक्सलियों को किसी भी तरह से साजिश में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। 

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